दिव्यांग विद्यार्थी जानेंगे विदर्भ के किलों की गाथा

Divyang students will know the story of the fort of Vidarbha
दिव्यांग विद्यार्थी जानेंगे विदर्भ के किलों की गाथा
दिव्यांग विद्यार्थी जानेंगे विदर्भ के किलों की गाथा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  दिव्यांग (अंध) विद्यार्थियों की ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन 9 से 19 फरवरी तक किया गया है, जिसमें उन्हें विदर्भ में स्थित किलों की यात्रा कराई जाएगी। जाएंगे। उक्त जानकारी पत्रकार वार्ता में ‘सक्षम’ संस्था के शिरीष दारव्हेकर ने दी। उन्होंने बताया कि ‘सक्षम’ द्वारा दिव्यंाग विद्यार्थियों के अनुभव यात्रा नाम का उपक्रम चलाया जा रहा है। इसमें उन्हें जंगल, एस्सेल वर्ल्ड, समुद्र आदि स्थानों का भ्रमण कराया गया। श्री दारव्हेकर ने बताया कि माधव नेत्र पेढ़ी के इस वर्ष 25 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इसलिए दिव्यांग बच्चों के लिए किलों का भ्रमण कराया जाएगा।

भ्रमण का शुभारंभ 9 फरवरी से होगा, जिसमें माधव नेत्र पेढ़ी द्वारा राणाप्रताप नगर चौक के बस स्टॉप से सुबह 7 बजे महपौर संदीप जोशी और कलेक्टर रवींद्र ठाकरे हरी झंडी दिखाएंगे। 9 फरवरी को बस माहुर रेणुका देवी मंदिर माहुरगढ़ किला के लिए रवाना होगी। इसके बाद 10 से 19 फरवरी तक विभिन्न किलों की यात्रा के बाद 19 को सीताबर्डी किला नागपुर में इसका समापन होगा। पत्रकारवार्ता में उमेश अंधारे, वीरेंद्र पात्रीकर, मोहन पांडे, अभिजीत देशपांडे आदि उपस्थित थे। 

श्री दारव्हेकर ने बताया कि 11 दिन में दिव्यांग विद्यर्थियों को 13 किलों की यात्रा कराई जाएगी। यात्रा के बाद विद्यार्थियों को किलों की स्थिति पर रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी। यात्रा का उद्देश्य इनमें आत्मविश्वास बढ़ाना, विदर्भ के इतिहास की जानकारी, समाज में नेत्रदान के लिए जनजागृति करना है। यात्रा के लिए 20 दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ 20 वॉलेंटियर तथा 10 प्रबंधक होंगे। हर विद्यार्थी के साथ एक वॉलेंटियर होगा।

यात्रा के लिए उन्हें शूज, ब्रेल स्लेट के साथ पूरी किट दी गई है। संदीप देशपांडे ने बताया कि आम व्यक्ति तो घूमकर कई अनुभव लेता है, लेकिन दिव्यंाग विद्यार्थियों के लिए बहुत ही अनूठा प्रयोग है। इस उपक्रम के लिए उन्हें अतुल गुरु द्वारा किलो की प्रतिकृति निर्मित कर किलों की अनुभूति कराई गई है, ताकि किलो के मॉडल को छूकर अपनी यात्रा में किलों को पहचान सकें। सोशल वर्क कॉलेज के विद्यार्थियों को वॉलेंटियर बनाया गया है, ताकि वे भी अपने अभ्यासक्रम में इन बातों को मेंशन कर सकें।

Created On :   6 Feb 2020 3:24 PM IST

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