अप्रशिक्षित शिक्षकों को स्कूल से बाहर करने की तैयारी, 2019 तक DLED जरूरी

DLED is compulsory for the all Untrained teachers in MP
अप्रशिक्षित शिक्षकों को स्कूल से बाहर करने की तैयारी, 2019 तक DLED जरूरी
अप्रशिक्षित शिक्षकों को स्कूल से बाहर करने की तैयारी, 2019 तक DLED जरूरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। MP सरकार अब स्कूलों में सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना रही है। यही वजह है कि प्रदेशभर के सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों को अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता पूरी करने के लिए दो वर्ष का समय दिया है। इसके बाद अप्रशिक्षित शिक्षकों को स्कूल में पढ़ाने का अधिकार नहीं होगा। 31 मार्च, 2019 के पहले शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रावधानित न्यूनतम व्यावसायिक योग्यता हासिल करनी होगी। यह शर्त शासकीय, अनुदान प्राप्त और गैर अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों पर लागू होगी।

बढ़ी हुई समय-सीमा में सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) के द्वारा ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) माध्यम से DLED में प्रवेश लेना बंधनकारी होगा। यह अवधि पूरी हो जाने के बाद 1 अप्रैल, 2019 से अप्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में शिक्षक के रूप में कार्य नहीं कर सकेंगे। इसके लिए सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों का 16 अगस्त से 15 सितंबर, 2017 तक NIOS के पोर्टल पर पंजीयन किया जाएगा।

कम योग्यता वाले शिक्षकों को करनी होगी 12वीं

ऐसे सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षक जिन्होंने DLED प्रवेश के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता हासिल नहीं की है। वह NIOS के माध्यम से कक्षा 12वीं में पुन: सम्मिलित होकर DLED प्रवेश के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता हासिल कर सकेंगे। मसलन कम योग्यता वाले शिक्षकों को 12वीं की पढ़ाई भी करनी होगी। ऐसे अभ्यार्थियों को DLED पाठ्यक्रम में भी अस्थायी रूप से निर्धारित अवधि में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इन अभ्यार्थियों का DLED परीक्षा परिणाम निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अध्याधीन होगा।

कम योग्यता वाले शिक्षकों के भरोसे अधिकांश स्कूल

MP के अधिकांश स्कूलों में 8वीं और 10वीं पास शिक्षक बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ा रहे हैं। ऐसे में बच्चों का शैक्षणिक स्तर पर भी लगातार गिरता जा रहा है। लिहाजा अब इन शिक्षकों को पहले 12वीं और फिर DLED की पढ़ाई पूरी करनी होगी। इसके बाद ही वे स्कूल में पढ़ा सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी का कहना है कि स्कूलों में सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए मार्च-2019 तक का समय दिया गया है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

Created On :   18 Aug 2017 5:45 PM GMT

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