कॉलेज बंद न करें, कर्मचारियों को बकाया 43 करोड़ भी दें

Do not close the college, also give 43 crores to the employees
कॉलेज बंद न करें, कर्मचारियों को बकाया 43 करोड़ भी दें
नागपुर कॉलेज बंद न करें, कर्मचारियों को बकाया 43 करोड़ भी दें

डिजिटल डेस्क, नागपुर. गोंदिया एजुकेशन सोसायटी को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने संस्था द्वारा संचालित मनोहर भाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को बंद नहीं करने का आदेश जारी किया है। साथ ही संस्था में कार्यरत गैर-शिक्षक कर्मचारियों को 4 माह के भीतर उनका 32 माह का बकाया वेतन अदा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को 6वें वेतन आयोग के अनुसार सभी लाभ प्रदान करने के भी आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि, संस्था और संस्था के कर्मचारियों ने स्वतंत्र याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की थीं। जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। 

यह था मामला 

याचिकाकर्ता बरुण कुमार व अन्य कर्मचारियों के अनुसार वर्ष 1983 में राज्य सरकार ने कॉलेज शुरू करने को मंजूरी दी थी। अगस्त 2010 में राज्य सरकार ने कॉलेज के सभी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए 6वां वेतन आयोग लागू करने का जीआर जारी किया, लेकिन कॉलेज ने गैर-शिक्षक कर्मचारियों को यह वेतनमान नहीं दिया, जिसके कारण उन्होंने वर्ष 2013 में हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद भी कई कर्मचारियों ने 6वें वेतन आयोग के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता कर्मचारियों के अनुसार 17 जनवरी 2018 को शिक्षा संस्था ने कर्मचारियों को वेतन आयोग के लाभ देने से बचने के लिए कॉलेज ही बंद करने का फैसला लिया। विश्वविद्यालय ने प्रोग्रेसिव क्लोजर के लिए नागपुर विश्वविद्यालय में प्रस्ताव भेजा, लेकिन नागपुर विवि द्वारा गठित समिति ने पाया कि, कॉलेज में पर्याप्त प्रवेश है और संस्था की आर्थिक स्थिति भी अच्छी है। ऐेसे में नागपुर विवि ने कॉलेज बंद करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया, लेकिन इसके बावजूद कॉलेज ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रवेश नहीं लिए। कॉलेज ने नागपुर विवि के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। इधर कर्मचारियों ने भी अपने वकील राम परसोडकर व प्रियदर्शन परसोडकर के जरिए बकाया वेतन के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कॉलेज बंद करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए दलील दी कि, कॉलेज ने अपने कर्मचारियों का 32 माह का वेतन अदा नहीं किया। यह रकम 43 करोड़ रुपए के करीब है। मामले में नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की। 

Created On :   20 April 2022 5:17 PM IST

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