टीकमगढ़: अधिक तेज ध्वनि के पटाखे का उपयोग नहीं करें - कलेक्टर

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
टीकमगढ़: अधिक तेज ध्वनि के पटाखे का उपयोग नहीं करें - कलेक्टर

डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। टीकमगढ़ कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी ने आम नागरिकों से अपील की है कि निर्धारित ध्वनि स्तर के पटाखों का ही उपयोग निर्धारित समय में व सीमित मात्रा में करें एवं पटाखों को जलाने के पश्चात उत्पन्न कचरे को घरेलू कचरे के साथ न रखें। उन्होंने कहा कि सभी जीवों के हित में पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आम नागरिकों का सहयोग अपेक्षित है। श्री द्विवेदी ने इस संबंध में जिले के समस्त नगरीय निकायों को भी निर्देश दिये हैं कि पटाखों से उत्पन्न कचरे को पृथक से संग्रहित करके उसका सुरक्षित निष्पादन सुनिश्चित करें। पटाखों के जलाने से उत्पन्न कचरे से प्राकृतिक जल स्त्रोत/पेयजल स्त्रोत प्रदूषित होने की आशंका रहती है, क्योंकि विस्फोटक सामग्री खतरनाक रसायनांे से निर्मित होती है। ज्ञातव्य है कि दीपावली प्रकाश का पर्व है, इस दौरान विभिन्न प्रकार के पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। पटाखों के ज्वलनशील एवं ध्वनि कारक होने के कारण परिवेशीय वायु में प्रदूषक तत्वों एवं ध्वनि स्तर में वृद्धि होकर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके साथ-साथ पटाखों के जलने से उत्पन्न कागज के टुकड़े एवं अधजली बारूद बच जाती है तथा इस कचरे के संपर्क में आने वाले पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका रहती है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार 125 डीबी (एआई) या 145 डीबी (सी) से अधिक ध्वनि स्तर जनक पटाखों का विनिर्माण, विक्रय या उपयोग वर्जित किया गया है। साथ ही उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि कारक पटाखों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है।

Created On :   13 Nov 2020 9:50 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story