कोरोना टीके के विपरीत असर से डॉक्टर बेटी की गई जान, हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग

Doctor daughter died due to the opposite effect of corona vaccine
कोरोना टीके के विपरीत असर से डॉक्टर बेटी की गई जान, हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग
हाईकोर्ट कोरोना टीके के विपरीत असर से डॉक्टर बेटी की गई जान, हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  कोरोना के टीके के विपरीत असर के चलते जान गंवानेवाली डाक्टर बेटी के पिता ने एक हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अधिवक्ता निलेश ओझा के माध्यम से दायर की गई याचिका में याचिकाकर्ता दिलीप लूनावत ने दावा किया है कि उनकी बेटी की मौत कोरोना के टीके के कुप्रभाव के कारण हुई है। अधिवक्ता ओझा ने बताया कि वे अगले सप्ताह कोर्ट से इस याचिका पर सुनवाई के लिए आग्रह करेंगे। याचिका में लूनावत ने कहा है कि उनकी 33 वर्षीय बेटी  स्नेहल नाशिक के एक डेंटल कालेज में सीनियर लेक्चरर थी।  याचिका के अनुसार स्नेहल ने नाशिक में 28 जनवरी 2021 को कोविशिल्ड की पहली खुराक ली थी। इसके बाद उन्हें सिर में काफी दर्द महसूस हुआ था। इस बीच स्नेहल की सेहत लगातार खराब होती चली गई। फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई और उन्हें वेंटिलेकर पर रखा गया। फिर भी उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। और फिर स्नेहल की मौत हो गई। 

याचिका में मुख्य रुप से केंद्र सरकार,राज्य सरकार व कोविश्लड बनानेवाली सिरम इंस्टीट्यूट ऑप इंडिया व इसके सहयोगी बिल गेट्स को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में लूनावत ने कहा है कि उनकी बेटी स्वास्थय सेवा से जुडी थी इसलिए बेटी की इच्छा न होने के बावजूद उसे टीका लेने के लिए बाध्य किया गया। याचिका में टीके की सुरक्षा को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट पर गलत बयान देने का भी आरोप लगाया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि आल इंडिया इंस्टीट्यू ऑप मेडिकल साइंस व ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने वैक्सीन के सुरक्षित होने के संबंध में गलत बयान दिया है। याचिका में कहा गया है कि वैक्सीन का कोई कुप्रभाव नहीं है यह कहना गलत है। 

याचिका में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार की आफ्टर फालोइंग इम्यूनाइजेशन कमेटी ने माना है कि स्नेहल की मौत कोरोना के टीके के विपरीत असर के कारण हुई है। याचिका में मांग की गई है कि स्नेहल को शहीद घोषित किया जाए और सरकार को उसके परिजनों को मुआवजा देने के लिए कहा जाए। जिसे सरकार फिर संबंधित अधिकारी व टीका बनानेवाली कंपनी से वूसल करे। 

 

Created On :   2 Feb 2022 9:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story