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डॉक्टर ने बच्चे के दिल से डर निकालने खेला पसंदीदा खेल, फिर किया गुर्दे का प्रत्यारोपण
डिजिटल डेस्क, नागपुर. अस्पताल में उपचार करवाने आए बच्चे कभी-कभी वहां के माहौल को देखकर डर जाते हैं, ऐसे में उन्हें मानसिक तौर पर तैयार करना चिकित्सकों के लिए जरूरी हो जाता है। उसके बाद डॉक्टर, खेल व अन्य गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के साथ बच्चा बनकर उनमें अस्पताल के प्रति सकारात्मकता निर्माण करते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति किंग्सवे अस्पताल में देखने को मिली। डॉक्टर ने बच्चे के साथ उसकी पसंद का खेल खेलना शुरू किया, तब बच्चा सकारात्मक हुआ और उसके गुर्दा का प्रत्यारोपण किया गया। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
उच्च रक्तदाब की शिकायत
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. शिवनारायण आचार्य ने बताया कि हाल ही में 9 साल के बच्चे देवांश बोंडे की किंग्सवे अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया है। दिसंबर में देवांश को कमजोरी, सिर दर्द, भूख कम लगना, उल्टी होना जैसी शिकायतें शुरू हुईं। देवांश के माता-पिता ने अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सुखदेवे से संपर्क किया। उन्होंने देवांश को उच्च रक्तदाब होने की जानकारी दी। ऐसा किडनी के क्षतिग्रस्त होने पर होता है। ऐसे में दो ही विकल्प होते हैं। पहला डायलिसिस और दूसरा प्रत्यारोपण। डाॅक्टरों ने देवांश को डायलिसिस पर रखा। उसके बाद बच्चे के माता-पिता की जांच की गई। जांच के दौरान पता चला कि वह दोनों किडनी दान करने के लिए स्वस्थ हैं। डॉक्टरों ने उनका समुपदेशन कर किडनी दान के लिए तैयार कर लिया।
अब पूरी तरह स्वस्थ है देवांश
उपचार के दौरान देवांश कोरोना पॉजिटिव हुआ, तो उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। कोरोना से स्वस्थ होने के एक महीना बाद सभी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसके गुर्दे का प्रत्यारोपण किया गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। बताया जाता है कि देवांश को उपचार के लिए जब लाया गया था, उस समय वह अस्पताल के माहौल से डरा हुआ था। बाद में डॉक्टरों ने ड्राइंग, पेंटिंग, शतरंज आदि के माध्यम से खेल-खेल में देवांश की मानसिकता को सकारात्मकता में बदला। उसका डर खत्म होने के बाद उसका उपचार किया गया। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सुखदेवे, बाल रोग सर्जन डॉ. दीपक गोयल, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. शिवनारायण आचार्य, डॉ. विशाल रामटेके, डॉ. प्रकाश खेतान, प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. वासुदेव रिधोरकर, डॉ. धनंजय बोकारे, डॉ. सचिन कुठे, डॉ. चंद्रशेखरन चाम और टीम ने सफल प्रत्यारोपण के लिए सहयोग किया।
Created On :   3 April 2022 2:24 PM IST