चयन समति के पास उम्र को लेकर निर्धारित मापदंड में बदलाव करने का अधिकार नहीं-हाईकोर्ट

Does not have the right to change the prescribed criteria regarding age - HC
चयन समति के पास उम्र को लेकर निर्धारित मापदंड में बदलाव करने का अधिकार नहीं-हाईकोर्ट
मानकों का पालन जरूरी चयन समति के पास उम्र को लेकर निर्धारित मापदंड में बदलाव करने का अधिकार नहीं-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट  ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि गैर सरकारी अनुदानित इंजीनियरिंग स्वायत्त शैक्षणिक संस्थान में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर चयन समिति के पास उम्र को लेकर निर्धारित मानक में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। ऐसे संस्थानों को नियुक्ति के विषय में  ऑल इंडिया काउंसिल ऑर टेक्निकल एज्युकेशन (एआईसीटीई)  व राज्य सरकार की ओर से योग्यता व उम्र को लेकर निर्धारित मापदंडों का पालन करना ही होगा।  गैर सरकारी  अनुदानित इंजीनियरिंग कालेज में सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए 35 वर्ष की उम्र तय की है। ऐसे में चयन समिति तब तक उम्र के इस मानक में छूट नहीं दे सकती है जब तक की उसे नियमों के तहत कोई विशिष्ट शक्ति न दी जाए। मामला सहायक प्रोफेसर विशाल गायकवाड की नियुक्ति से जुड़ा है। जिनकी नियुक्ति को तकनीकि शिक्षा महानिदेशालय के निदेशक ने इसलिए  मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। क्योंकि जब उनकी नियुक्ति की गई थी तो उनकी उम्र 35 साल नौ महीने थी। नियुक्ति को मंजूरी न दिए जाने के फैसले को गायकवाड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

न्यायमूर्ति नीतिन सांब्रे व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख के सामने गायकवाड की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान गायकवाड की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि नियुक्ति को लेकर जब विज्ञापन जारी किया गया गया था तो उसमें साहयक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए 35 साल की उम्र तय की गई थी। लेकिन विज्ञापन में कहा गया था कि अभ्यर्थी की योग्यता व अनुभव के आधार पर चयन समिति के पास नियुक्ति के लिए उम्र से जुड़े मापदंड को शिथिल करने का अधिकार होगा। याचिकाककर्ता ने जब नौकरी के लिए आवेदन किया तो उसकी उम्र 35 साल 9 महीने थी। सारी प्रक्रिया पूरी होने के  बाद याचिकाककर्ता को नियुक्ति पत्र भी प्रदान कर दिया गया पर अब उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी जा रही है। चयन समिति ने अपने अधिकारों का प्रयोग करके उम्र को लेकर निर्धारित मानक को शिथिल भी किया था। किंतु खंडपीठ ने कहा कि नियुक्ति को लेकर शैक्षणिक संस्थानों को एआईसीटीई व राज्य सरकार की ओर से योग्यता व उम्र से संबंधित तय किए गए मानकों का पालन किया जाना जरुरी है।  खंडपीठ ने सरकारी वकील की दलीलों को सुनने के बाद पाया कि चयन समिति के पास उम्र से जुड़े मापदंड को शिथिल करने को लेकर कोई विशिष्ट अधिकार नहीं था। इस तरह खंडपीठ ने साल 2012 के सेवा से जुड़े नियमों व सरकार की ओर से  15 जनवरी 2018 को जारी किए गए परिपत्र के मद्देनजर याचिकाककर्ता को राहत देने से मना कर दिया और उसकी याचिका को खारिज कर दिया। 

 

Created On :   30 Dec 2022 9:02 PM IST

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