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ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर स्कूल कर रहे मनमानी - अभिभावक हो रहे परेशान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । लॉकडाउन के चलते निजी स्कूलों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लासेस के जरिए इतना ज्यादा मटेरियल भेजा जा रहा है कि 2 जीबी डेटा भी कम पड़ रहा है। ज्यादातर ऐसा मटेरियल भेजा जा रहा है जिसका कोर्स से कोई संबंध नहीं होता है। अब कई स्कूलों ने ऑनलाइन टेस्ट भी लेना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से अभिभावक परेशान हो रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग की ओर से ऐसा कोई सिस्टम नहीं बनाया गया है जिससे यह पता चल सके कि ऑनलाइन क्लासेस के जरिए किस तरीके से पढ़ाई कराई जा रही है। इसकी वजह से निजी स्कूलों को खुली छूट मिली हुई है। निजी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस के शुरूआती दौर में बच्चों की क्षमता के अनुसार मटेरियल भेजना शुरू किया। कुछ दिन बाद बड़े पैमाने पर डिजिटल मटेरियल के साथ पीडीएफ फाइल, वीडियो और ऑडियो क्लिप्स भी भेजना शुरू कर दी। जिसमें ज्यादातर मटेरियल ऐसा होता है जिसका बच्चों के कोर्स से कोई संबंध नहीं होता है। स्कूलों की ओर से भेजे जाने वाले डिजिटल मटेरियल को डाउनलोड करने में ही 2 जीबी डेटा खर्च हो जाता है। निजी स्कूलों ने अब एक-एक घंटे के ऑनलाइन टेस्ट भी लेने शुरू कर दिए हैं। एक दिन में दो से तीन विषयों के टेस्ट लिए जा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि ज्यादातर लोग मोबाइल पर प्रतिदिन 2 जीबी डेटा का प्लान लेते हैं। ऑनलाइन क्लासेस में ही पूरा डेटा खत्म हो जाने से अभिभावकों के दूसरे काम प्रभावित हो रहे हैं। अभिभावकों ने इस संबंध में निजी स्कूल संचालकों के पास शिकायत दर्ज भी कराई लेकिन शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा का कहना है कि सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएँगे कि बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार ही अध्यापन कार्य कराया जाए। शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कोई छात्र ऑनलाइन क्लासेस से वंचित होता है तो उसके लिए लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अतिरिक्त कक्षाएँ लगाई जाएँ।
Created On :   2 May 2020 2:19 PM IST