स्कूलों में एडमिशन के लिए न करें संपर्क, शिक्षणाधिकारी के द्वार पर लटकाई नोटिस

Dont contact for admission in school notice lying on door of EO
स्कूलों में एडमिशन के लिए न करें संपर्क, शिक्षणाधिकारी के द्वार पर लटकाई नोटिस
स्कूलों में एडमिशन के लिए न करें संपर्क, शिक्षणाधिकारी के द्वार पर लटकाई नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूलों मे एडमिशन के लिए संपर्क न करें। इस तरह की नोटिस शिक्षणाधिकारी के कक्ष के सामने देख पेरेंट्स ठिठक रहे हैं। दरअसल इन दिनों स्कूलों के रिजल्ट आने के बाद एडमिशन का दौर चल रहा है, ऐसे में सरकार व निजी स्कूलों में शिक्षा व प्रवेश से जुड़े अनेक मामलों में अभिभावकों को सताए जाने की शिकायतें आम बात हैं। ऐसे में जिन मुख्याध्यापकों के खिलाफ अभिभावकों को प्रशासन से शिकायत करना हो वे नागपुर जिला परिषद के माध्यमिक शिक्षणाधिकारी के कक्ष तक पहुंच जाते हैं। परंतु उनके द्वार पर लगे अजीबोगरीब नोटिस को देखकर भ्रम की स्थिति निर्माण हो रही है।

इस नोटिस पर शिक्षणाधिकारी ने अपने आदेश के तहत लिख रखा है कि स्कूल में प्रवेश के लिए उसी स्कूल के मुख्याध्यापकों से संपर्क करें। इस नोटिस को पढ़कर शिकायत लेकर आने वाले अनेक अभिभावकों में नाराजगी है। राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है कि जिसमें शिक्षणाधिकारी से भेंट करने पर पाबंदी लगाई गई हो।

‘प्रगति को पंख शिक्षा के’, लेकिन कैसे?
जिला परिषद की पुरानी इमारत के दूसरे मंजिल पर माध्यमिक शिक्षा विभाग का कार्यालय मौजूद है। इस कार्यालय में माध्यमिक शिक्षणाधिकारी डॉ. एस.एन.पटवे के कक्ष के बाहर गैलरी में एक विशाल से फलक पर शिक्षा से जुड़े अनेक नारे व सुविचार लिखे हैं। ‘प्रगति को पंख शिक्षा के’ जैसे पोस्टरों से शिक्षा विभाग के अनेक कमरे पटे हुए हैं। इसके बावजूद शिक्षा व प्रवेश लेने में आ रही दिक्कतों को अभिभावकों द्वारा सुनने के बजाय द्वार पर ही एक अजीबोगरीब नोटिस चिपका देने से बच्चों के माता-पिता में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी दिखाई पड़ रही है।

अभिभावकों की शिकायत है कि शिक्षणाधिकारी ने सोमवार से शुक्रवार तक हर दिन दोपहर 3 से 5 बजे का समय नागरिकों से मिलने के लिए निर्धारित किया है। परंतु इस तरह से नोटिस चिपकाए जाने के कारण उनका मनोबल गिरने लगा है।

दिक्कतें स्वीकार, प्रवेश का नहीं अधिकार
स्कूल में प्रवेश देने संबंधित सारे अधिकार उसी स्कूल प्रबंधन के होते है। यदि अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई शिकायत हो तो वे मुझसे संपर्क कर सकते है। परंतु बिना मुख्याध्यापक से मिले सीधे तौर पर प्रवेश दिलाने के लिए प्रतिदिन 15 से 20 अभिभावक पहुंच जाते है। इसके अलावा रोज एजेंट भी संपर्क करते हैं। हर अभिभावक को समझाने में मुश्किल होती है। प्रवेश संबंधित गड़बड़ियों की अवश्य दखल ली जाएगी। जहां-जहां दिक्कत होगी, हम हस्तक्षेप करेंगे।
डॉ. एसएन पटवे, माध्यमिक शिक्षणाधिकारी, जिप नागपुर

Created On :   7 Jun 2018 8:00 AM GMT

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