नागपुर के पांचपावली पुल के निर्माण केंद्र को भेजा गया डीपीआर

DPR sent to the construction center of Panchpavli bridge in Nagpur
नागपुर के पांचपावली पुल के निर्माण केंद्र को भेजा गया डीपीआर
विधानसभा प्रश्नोत्तर नागपुर के पांचपावली पुल के निर्माण केंद्र को भेजा गया डीपीआर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर उत्तर-पूर्व को जोड़ने वाले पांचपावली पुल के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार को विस्तृत मूल्यांकन रिपोर्ट (डीपीआर) भेज दी गई है। मंजूरी मिलने के बाद दो साल में नया पुल तैयार हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की मदद से यह पुल तैयार किया जाएगा।  प्रस्तावित पुल की चौड़ाई 12 मीटर और लंबाई 7 किलोमीटर होगी। जिसे बनाने में अनुमानित 600-650 करोड़ का खर्च आएगा। प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के नाना पटोले ने पुल की खराब हालत से जुड़ा सवाल उठाया था। जवाब में मंत्री चव्हाण ने बताया कि 1992 में 5 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ यह पुल अब भी अच्छी हालत में है। लेकिन अगर इसके जर्जर होने का दावा किया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पुल की चौड़ाई कम होने के चलते यहां ट्रैफिक की परेशानी है इसी वजह से नया पुल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। 

राज्य में रिक्त हैं 2 लाख 30 पद 

राज्य में मंजूर 11 लाख 7 हजार 342 पदों में से फिलहाल 2 लाख 30 पद खाली हैं। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो सालों से भर्ती नहीं हो पाई थी लेकिन अब सरकार ने बड़े पैमाने पर भर्ती का सिलसिला शुरू किया है। 6200 पदों की भर्ती अंतिम चरण में है और 1700 अन्य पदों की भर्ती की भी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री दत्तात्रय भरणे ने प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। भाजपा के राहुल कुल, जयकुमार गोरे आदि सदस्यों ने राज्य में अन्य पिछड़ावर्ग, विमुक्त व घुमंतू जातियों के लिए आरक्षित लेकिन खाली पदों को लेकर सवाल पूछा था। जवाब में राज्यमंत्री भरणे ने बताया कि राज्य में सरल सेवा के जरिए पिछड़ा वर्ग, विमुक्त, घुमंतू जातियों के 15426 पद अनुशेष हैं। इन पदों को भरने के लिए विशेष मुहिम चलाई जाएगी जिसके लिए संबंधित विभागों से जानकारी मांगी गई है। 

नागपुर मनपा जलापूर्ति परियोजना का खर्च 53 करोड़ बढ़ा

नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र में जलापूर्ति की व्यवस्था बेहतर करने के लिए शुरू की गई 387.66 करोड़ की परियोजना का काम पांच साल के भीतर पूरा न होने के चलते इसका खर्च 53.89 करोड़ रुपए बढ़ गया। ऑरेंज सिटी वॉटर प्रायवेट लिमिटेड को 1 मार्च 2012 से 25 सालों के लिए ऑपरेटर के तौर पर नियुक्त किया गया है, लेकिन कंपनी ने शर्तों के मुताबिक फॉरेन एक्सपैट्स की नियुक्ति नहीं की है इसलिए उसे दी जाने वाली 38.90 करोड़ की रकम रोक ली गई है। विधानसभा में कांग्रेस के विकास ठाकरे द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी है। मंत्री शिंदे ने बताया कि नागपुर महानगर पालिका ने वन टाइम सेटलमेंट से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर कर लिया है जिसके मुताबिक ऑपरेटर को 92.79 करोड़ रुपए दिए जाने हैं। इसमें से 71.90 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 

नागपुर मनपा के स्वास्थ्य विभाग में 67 लाख का घोटाला 

नागपुर महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग में दिसंबर 2021 में 67 लाख का घोटाला सामने आया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ घनकचरा व्यवस्थापन, जन्ममृत्यु विभाग, ग्रंथालय विभाग द्वारा गलत तरीके से 5.41 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। विधानसभा में कांग्रेस के विकास मेघे और भाजपा के समीर मेघे द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी। मंत्री शिंदे ने बताया कि मामले की जांच के लिए अतिरिक्त आयुक्त (सामान्य) की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। ठेकेदार एजेंसी को काली सूची में डाल दिया गया है। 19 अधिकारियों/कर्मचारियों की विभागीय जांच की जा रही है। संबंधित ठेकेदार और कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
 

Created On :   8 March 2022 9:13 PM IST

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