डॉ. हर्षवर्धन ने डीएसटी की पहल एसईआरबी पावर (खोजपूर्ण अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा) की शुरुआत की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय डॉ. हर्षवर्धन ने डीएसटी की पहल एसईआरबी- पावर (खोजपूर्ण अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा) की शुरुआत की यह योजना भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और आर एंड डी प्रयोगशालाओं में विभिन्न एस एंड टी कार्यक्रमों के भीतर विज्ञान और इंजीनियरिंग शोध के वित्तपोषण में लैंगिक असमानता को घटाने के लिए है "अनुसंधान कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना और प्रोत्साहित करना हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज एक वर्चुअल समारोह में महिला वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप गठित एक योजना शीर्षक “एसईआरपी-पावर” (महिलाओं के लिए अनुसंधान में अवसरों को प्रोत्साहन)” की शुरुआत की। साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के तहत चलने वाला एक सांविधिक निकाय, भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और आर एंड डी प्रयोगशालाओं के विभिन्न एस एंड टी कार्यक्रमों के भीतर विज्ञान और इंजीनियरिंग शोध में लैंगिक असमानता को घटाने के लिए एक योजना को लाने का प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने हमारे एस एंड टी फलकों में महिला शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अनुसंधान योजनाओं में लैंगिक पक्ष के एकीकरण ने वैश्विक स्तर पर काफी ध्यान खींचा है। अनुसंधान कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और प्रोत्साहन देना हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है”। उन्होंने प्रशंसा की कि डीएसटी ने महिला छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने वाली कुछ महत्वपूर्ण नीतियों को पेश किया और अतीत में इससे हजारों महिला शोधकर्ताओं को सहायता मिल सकी। एसईआरबी-पावर योजना के दो घटक होंगे (i) एसईआरबी-पावर फैलोशिप (छात्रवृत्ति) (ii) एईआरबी- पावर रिसर्च ग्रांट (शोध अनुदान)। इनमें से प्रत्येक की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं: ए), एसईआरबी-पावर फैलोशिप की मुख्य विशेषताएं : - लक्ष्य: 35-55 वर्ष आयु वर्ग की महिला शोधकर्ता। प्रति वर्ष 25 से अधिक फैलोशिप और किसी भी समय 75 से अधिक नहीं। सहायता के घटक: नियमित आय के अलावा प्रत्येक महीने 15,000 रुपये की फैलोशिप; प्रति वर्ष 10 लाख रुपये शोध अनुदान; और अतिरिक्त खर्च 90,000 रुपये/प्रति वर्ष। अवधि: तीन साल, बगैर किसी विस्तार की संभावना के। प्रत्येक वैज्ञानिक को उसके करियर में एक बार। बी), एसईआरबी-पावर शोध अनुदान की मुख्य विशेषताएं : - पावर अनुदान महिला शोधकर्ताओं को निम्नलिखित दो श्रेणियों के माध्यम से वित्तपोषण करके उन्हें सशक्त बनाएगा:लेवल I (आईआईटी, आईआईएसईआर, आईआईएससी, एनआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्र सरकार के संस्थानों के राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के आवेदक): वित्तपोषण का पैमाना तीन साल के लिए 60 लाख रुपये तक है। लेवल II स्तर I (राज्य विश्वविद्यालयों/कॉलेजों और निजी शैक्षणिक संस्थानों के आवेदक): वित्तपोषण का पैमाना तीन साल के लिए 30 लाख रुपये तक है। पावर ग्रांट को एसईआरबी-सीआरजी (साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड-कोर रिसर्च ग्रांट) दिशानिर्देशों पर आधारिक शर्तों के अनुसार विनियमित किया जाएगा। पावर फैलोशिप की पहचान करने में सहायता के उद्देश्य से एक खोज-सह-चयन समिति के गठन तक, मौजूदा कार्यक्रम सलाहकार समिति (पीएसी) तंत्र का उपयोग पॉवर शोध अनुदानों के चयन में किया जाएगा। यह प्रति वर्ष 25 पावर फैलोशिप देने का प्रस्ताव करता है। लेवल I और लेवल II को मिलाकर प्रति वर्ष कुल 50 पावर ग्रांट को अनुमति दी जाएगी। ऐसा महसूस किया गया कि एसईआरबी-पावर फैलोशिप और अनुदान राष्ट्रीय फलक पर मान्यता के एक मानक (बेंचमार्क) के रूप में काम करेंगे। सरकार की ये योजनाएं निश्चित रूप से महिला वैज्ञानिकों को सशक्त बनाएंगी और हमारे शैक्षणिक व अनुसंधान संस्थाओं में महिलाओं के लिए अनुकूल संस्कृति पैदा करेंगी और निर्णयनकारी संस्थाओं में नेतृत्व करने वाले पदों पर महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगी। इस उद्घाटन कार्यक्रम ने आर एंड डी पारिस्थितिकी तंत्र में महिला वैज्ञानिकों की अधिक संख्या में भागीदारी लाने की सरकार की इच्छा को प्रतिध्वनित किया। इसमें प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, अध्यक्ष, एसईआरबी एवं सचिव, डीएसटी, प्रोफेसर संदीप वर्मा, सचिव, एसईआरबी एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
Created On :   30 Oct 2020 8:04 AM GMT