डॉ. जाकिर हुसैन डीएड कॉलेज परिसर में समस्याओं की इंतेहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मनपा प्रशासन शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर जोर दे रहा है। हाल में मनपा शाला के छात्र-छात्राओं ने तमिलनाडु जाकर अंतरिक्ष को आसमान में छोड़ा है। इससे मनपा सहित शहर का गौरव बढ़ा है। दूसरी ओर गरीबी से संघर्ष कर अपने उज्जवल भविष्य के लिए प्रयासरत स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राएं स्थानीय समस्याओं के साथ असामाजिक तत्वों का भी सामना कर रही है। ताजा मामला मोमिनपुरा स्थित मनपा इमारत में किराये से चल रहे डॉ. जाकिर हुसैन डीएड सीनियर कॉलेज का है। यहां सुबह 11 से शाम 5 बजे तक छात्राओं की डीएड कक्षाएं चलती हैं। 4 बजे से लड़कियों की सिलाई क्लासेस शुरू होती है। फिर शाम 6.30 बजे से 9.30 बजे तक ताजबाबा नाइट हाईस्कूल संचालित होती है। मनपा की इमारत में किराये से चल रही इन कक्षाओं के आसपास गंजेड़ियों का दिनभर जमावड़ा रहता है। उनकी दिन भर बेखौफ गांजा, शराब सहित अन्य असामाजिक गतिविधियां चलती रहती हैं। इस संबंध में आम आदमी पार्टी ने शनिवार को स्टिंग ऑपरेशन कर डॉ. जाकिर हुसैन कॉलेज में समस्या और असामाजिक तत्वों का भांडाफोड़ किया। शहर की शिक्षा व्यवस्था पर पोल-खोल अभियान चलाकर अनेक मुद्दों का खुलासा किया।
गंदगी व बदबू से पेरशानी
आप नेता प्रभात अग्रवाल सहित अन्य लोगों के स्टिंग ऑपरेशन में दिख रहा है कि मनपा की जिस इमारत में यह कॉलेज चलता है, वहां की स्थिति काफी दयनीय है। इमारत परिसर में कचरा उठाने की हाथ गाड़ियां पड़ी हैं। दीवारों और छज्जों पर कालापन और पौधे लगे हुए हैं। छत के कई हिस्से उखड़े हुए, जिसमें से लोहे की सलाखे बहार निकली हुईं हैं। क्लास रूम के अंदर शराब की बोतलें रखी हैं। कक्षाओं में गांजे की बदबू से छात्राएं परेशान हैं। इमारत के खाली कमरों में कबाड़ का सामान और गंदगी व कचरा पड़ा है। परिसर में लोग दीवारों पर लघुशंका कर रहे हैं।
परिसर की खुली जगह में बैठकर लोग गांजा, सिगरेट, शराब और जुआं खेलते दिखाई दे रहे हैं। जहां-तहां शराब की बोतलें बिखरी मिल जाएंगी। इतनी भयावह स्थिति के बावजूद छात्राएं कॉलेज में पढ़ने को मजबूर हैं। दहशत के कारण स्थानीय शिक्षक इस बार में कुछ बोल नहीं पाते हैं। स्थानीय परिसर के नागरिक भी इन असामाजिक तत्वों से परेशान है। लेकिन प्रशासन है कि कोई ध्यान नहीं देता। प्रभात अग्रवाल ने कहा कि यह मनपा प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का असर है कि शिक्षा परिसर में असामाजिक तत्वों ने डेरा डाल रखा है। शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए जितना आवश्यक बजट होना चाहिए, उतना देते भी नहीं और खर्च भी नहीं हो पाता है।
Created On :   5 March 2023 7:45 PM IST