आशियाने का सपना होगा साकार- जमीन और घर बनाने के लिए मिलेगी मदद

Dream of home will come true - will financial help to build land and house
आशियाने का सपना होगा साकार- जमीन और घर बनाने के लिए मिलेगी मदद
आशियाने का सपना होगा साकार- जमीन और घर बनाने के लिए मिलेगी मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने स्पष्ट किया कि जिले के करीब 640 गांवों के 7375 लोग ऐसे हैं, जो घरकुल योजना के लिए पात्र हैं। इनके पास घर बनाने के लिए जमीन तक नहीं है। पहले से अपना कोई मकान भी नहीं है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत इन लोगों को जमीन खरीदने के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जमीन खरीदने के बाद इन्हें घरकुल योजना के तहत मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए दिए जाएंगे।

गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी सहित जिला परिषद के सीईआे योगेश कुंभेजकर आदि अधिकारियों ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान शासन की योजनाओं से अवगत कराया।

डेवलपर या जमीन मालिक आगे आए तो मिलेंगी सुविधाएं

जिलाधीश श्री ठाकरे ने कहा कि अगर कोई डेवलपर या जमीन मालिक आगे आकर लाभार्थियों को जमीन बेचता है, तो उस जमीन को एनए (अकृषि) करने से लेकर अन्य अनुमति देने में प्रशासन मदद करेगा। यह सारी प्रक्रिया तेज गति से होगी। अगर कोई किसान अपने खेत में प्लॉट (जमीन के टुकड़े) बनाने का इच्छुक है, तो वह जमीन एनए करने से लेकर अन्य विभागों से लगनेवाली अनुमतियों में प्रशासन मदद करेगा। एक एकड़ खेत में नियम-शर्तों पर अमल करते हुए 25 प्लॉट बनाए जा सकते हैं। लाभार्थी के पास कम से कम 500 वर्गफीट की खुद की जमीन होनी चाहिए। 50 हजार की सहायता पं. दीनदयाल उपाध्याय घरकुल अर्थसहाय योजना के तहत दी जाएगी। इसके अलावा मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार व 90 दिन मनरेगा मजदूरी दी जाएगी।

21618 घर कुल मकानों का काम पूरा हुआ

जिला परिषद के सीईओ योगेश कुंभेजकर ने कहा कि जिले (ग्रामीण) में 45658 घरकुल लाभार्थियों की सूची है, जिसमें से 41732 आवासों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 21818 आवास बनकर तैयार हैं। शेष आवासों का काम तेजी से चल रहा है। 20 नवंबर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक महाआवास अभियान के तहत निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

ई-फसल एप को बेहतर रेस्पांस नहीं- कामठी में 17,223 किसानों का पंजीयन, मात्र 10500 ने फोटो किए अपलोड

जिले की छह तहसीलों का चयन ई-फसल एप के लिए हुआ है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कामठी तहसील से इसकी शुरुआत हुई है, परंतु अच्छा रेस्पांस नहीं मिला है। टाटा ट्रस्ट की मदद से यह एप तैयार किया गया है आैर किसान को फसल के लिए बीज डालते वक्त, फसल आने व कटाई के दौरान इस तरह के तीन फोटो एप पर अपलोड करना है। जिलाधीश श्री ठाकरे ने कहा कि कामठी में 17,223 किसानों ने पंजीयन किया आैर अभी तक केवल 10500 किसानों ने ही फोटो अपलोड किए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसानों ने यह एप ही डाउनलोड नहीं किया। हादसा या आपदा आने पर यह फोटो किसानों को क्षतिपूर्ति देने में मददगार साबित होते हैं। एसएमएस से भी काम चल सकेगा। उन्होंने एप डाउनलोड कर फोटो डालने का आह्वान किया।

35 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित

जिल परिषद के सीईआे श्री कुंभेजकर ने कहा कि ग्रामीण में 35 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। इसी तरह, कवरेज की भी समस्या होती है। 27 जनवरी से स्कूल शुरू होने पर ग्रामीण के सभी विद्यार्थी शिक्षा ले सकेंगे।

टीके के लिए 25 तक होगा फ्रंटलाइन वर्करों का पंजीयन

जिलाधीश श्री ठाकरे ने कहा कि कोरोना प्रतिबंध टीके के लिए फ्रंटलाइन वर्करों का पंजीयन शुरू हुआ है आैर 25 जनवरी तक पंजीयन होगा।

 

 

Created On :   22 Jan 2021 6:36 PM IST

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