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मजदूरों को लेने गुजरात गए बसों के ड्राइवर बार्डर पर परेशान हो रहे , नहीं मिले जिले के कोई मजदूर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । गुजरात में फँसे जबलपुर जिले के 507 मजदूरों को लेने 8 बसें रविवार शाम को झाबुआ स्थित पिटोल चैक पोस्ट के लिए रवाना हुई थीं। बसों के ड्राइवर जब चैक पोस्ट पर पहुँचे तो उन्हें जिले के मजदूर नहीं मिले। बताया जा रहा है कि बसों के ड्राइवर मजदूरों को ढूँढने खासी मशक्कत कर रहे हैं। यहाँ-वहाँ परेशान होकर पूछताछ कर रहे हैं लेकिन उन्हें मजदूर नहीं मिल रहे हैं। यही कारण रहा कि 9 बसों की जो दूसरी खेप सोमवार को मजदूरों को लेने भेजी जानी थी उसे फिलहाल नहीं भेजा गया। यहाँ बसों के संचालकों ने ड्राइवरों से हुई बातचीत के आधार पर बताया कि गुजरात से फिलहाल मप्र बॉर्डर पर मजदूरों को भेजा ही नहीं गया है। इधर बस ड्राइवरों को मप्र बॉर्डर पार करने की अनुमति नहीं है इसलिए उनके पास मजदूरों का इंतजार करने और उन्हें ढूँढने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ड्राइवरों के अनुसार उन सभी को सोमवार रात को जैसे-तैसे भोजन नसीब हो पाया। पूरा दिन तो सभी ने भूखे ही बिताया।
कहाँ करेंगे क्वारेंटाइन
सैंकडों मजदूरों के वापस आने के बाद उनके क्वारेंटाइन करने की समस्या भी जिला प्रशासन के सामने होगी क्योंकि यदि सभी को बिना क्वारेंटाइन किए उनके गृह निवास जाने की अनुमति इस आदेश के तहत दी गई कि वे खुद को होम क्वारेंटाइन कर लेंगे तो फिर निश्चित तौर पर कोरोना महामारी विकराल रूप ले ली। इससे निश्चित तौर पर पुलिस और प्रशासन का काम बढऩा तय माना जा रहा है।
मजदूरों के खातों में पहुँची राशि
लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फँसे जिले के अभी तक ऐसे एक हजार 22 मजदूरों के खातों में राशि हस्तांतरित कर दी गई है जो गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में फँसे हुए हैं। जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्रा ने बताया कि जिले के ऐसे 5 हजार 600 लोगों के बारे में भी प्रशासन को सूचना प्राप्त हुई है जो दूसरे राज्यों में फँसे हुए हैं।
इंतजार करने कहा
इनका कहना है
जबलपुर के मजदूर पिटोल चैक पोस्ट पर बस ड्राइवरों को नहीं मिले हैं। ड्राइवरों को इंतजार करने कहा है।
संतोष पॉल, आरटीओ
Created On :   29 April 2020 3:17 PM IST