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रेलवे सहित राज्य सरकार बिजली विभाग की भी बकाएदार, 39 हजार करोड़ तक पहुंचा बकाया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के किसानों के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभाग और रेलवे भी सरकारी बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी महावितरण के बकायेदार हैं। महावितरण का बकाया 39 हजार 938 करोड़ तक पहुँच गया है। बार बार मांगने के बावजूद सरकारी महकमे भी बकाया बिजली बिल अदा करने को तैयार नही। इस वजह से सरकारी बिजली कंपनी की कमर टूट रही है।
मार्च 2012 से दिसंबर 2017 तक राज्य की जनता, छोटे बड़े उद्योग, पावरलूम, जलापूर्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि पम्प धारक किसान व रेलवे सहित अन्य लोगों पर बिजली विभाग के करोड़ो रूपये बाकी हैं। बिजली बिल जमा न करने की वजह से बिजली विभाग ने बहुत से लोगो के कनेक्शन भी काटे हैं। पर कनेक्शन काटने के बाद बकाया रकम वसूलना और भी कठिन हो जाता है। महावितरण के एक अधिकारी बताते हैं कि इस तरह के ग्राहकों पर 7 हजार 352 करोड़ 37 लाख बकाया है।
महावितरण ने रेलवे के लिए जो बिजली की है, उसकी एवज में उसे 1 करोड़ 87 लाख रुपये वसूलने हैं। पर रेलवे भी बकाया बिल जमा करने में आनाकानी कर रही है। महावितरण के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार ने बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है। कुमार का कहना कि हम अपने उपभोक्ताओं को अच्छी सेवा देना चाहते हैं पर बिजली बिलों की इतने पड़े पैमाने पर वसूली न होना चिंता की बात है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि खराब बिजली मीटर एक माह में बदले जाए।
महावितरण के बकायेदार ( करोड़ में )
विभाग रकम
घरेलु उपभोक्ता 1587.48
व्यवसायिक 491.85
बड़े उद्योग 533.27
लघु उद्योग 244.42
पावरलूम 940.79
जलापूर्ति विभाग 1520.73
स्ट्रीट लाइट (ग्रामविकास) 3406.80
रेलवे 1.87
डिस्कनेक्ट ग्राहक 7352.37
कृषीपंपधारक 22780.52
अन्य 78.64
कुल 38,938.74
Created On :   4 April 2018 1:01 PM GMT