दुर्ग : कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरे नवरात्रि पर्व के दौरान रखा जाएगा पूरा एहतियात
डिजिटल डेस्क, दुर्ग। मंदिर समितियों और दुर्गा उत्सव समितियों के पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन की बैठक, शासन के निर्देशों की दी गई जानकारी, सभी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए निर्देशों के मुताबिक पूरी तरह सजग रहकर होगा पर्व का आयोजन क्वार नवरात्रि के अवसर पर धार्मिक आयोजन व उत्सव को लेकर शासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गये हैं। कलेक्टोरेट में आयोजित मंदिर समिति एवं दुर्गाउत्सव समिति की बैठक में इसकी जानकारी दी गई। अपर कलेक्टर श्री बी. बी. पंचभाई ने बताया कि वर्तमान में कोरोना का संक्रमण चल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। कोरोना के रोकथाम के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी की आवश्यकता है। अभी आने वाला समय त्यौहार और पर्व के आयोजन का है। इस दौरान भीड़ जुटने की आशंका भी है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए इसे रोकना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर स्थल में मेला का आयोजन नही किया जाएगा। ज्योति प्रज्वलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। श्रद्धालु ज्योति जलवा सकेंगे लेकिन ज्योति दर्शन हेतु श्रद्धालुओं या अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर में पुजारी एवं मंदिर संचालक समिति पूजा पाठ कर सकेंगे। डीजे बजाने पर पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा। समितियों के पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में प्रशासन को पूरा सहयोग देंगे और सामूहिक भागीदारी के साथ कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में कार्य करेंगे। शासन द्वारा नवरात्र पर्व के लिए विशेष निर्देश जारी किये है, जिसके अंतर्गत मूर्ति की ऊंचाई एवं चैड़ाई 6 गुना 5 फिट से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुना 15 फिट से अधिक नही होना चाहिए। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फिट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 3000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। एक पंडाल से दूसरे की दूरी 250 मीटर से कम ना हो। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही होना चाहिऐ। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी प्रकार एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगी, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाॅश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति का होगा। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा। संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च - यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस(छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।
Created On :   15 Oct 2020 1:39 PM IST