दुर्ग : आपसी सहयोग से महिलाएं चल पड़ी हैं आत्मनिर्भरता की राह पर

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दुर्ग : आपसी सहयोग से महिलाएं चल पड़ी हैं आत्मनिर्भरता की राह पर

डिजिटल डेस्क, दुर्ग। जब आर. जामगाँव की भारती, त्रिवेणी और सुरूचि मिलीं चंदखुरी की संतोषी रजनी और मालती से अपने जोश और जुनून से चंदखुरी की ही तरह आर जामगांव में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने खुद उठाई लो कास्ट वर्मी बेड तैयार करने की जिम्मेदारी सबने मिलकर कुछ घंटों में तैयार किया वर्मी बेड दुर्ग ब्लॉक के चंदखुरी की दीदियों ने पाटन ब्लॉक के आर जामगांव की दीदियों को सिखाए वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के गुर दुर्ग 7 दिसंबर 2020 पाटन के आर जामगांव की भारती सोनबेर त्रिवेणी साहू सुरूचि साहू मिलीं चंदखुरी की संतोषी,रजनी और मालती देवांगन से,लेकिन ये मुलाकात कोई साधारण मुलाकात नहीं थी। इस मुलाकात का उद्देश्य था आपसी सहयोग से हुनरमंदी में निखार लाना। कहते हैं ज्ञान बांटने से बढ़ता है इसी सोच के साथ दुर्ग ब्लॉक के ग्राम चंदखुरी में बिहान समूह से जुड़ी दीदियों ने पाटन ब्लॉक के आर जामगांव से आई नई सहेलियों के साथ कम समय में डी कंपोजर की मदद से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का अनुभव साझा किया।इतना ही नहीं कृषि विभाग की श्रीमती अर्चना चखियार की मदद से इन्होंने तकनीकी पहलुओं की बारीकी भी सीखी। जोश और जुनून से एक ही दिन में बना लिया वर्मी बेड- आर जामगांव की महिलाओं ने सोचा था कि चंदखुरी आकर कुछ सीखेंगी जरूर लेकिन उनको ये नहीं मालूम था कि ये एक दिन उनकी जिंदगी में इतना कारगर सिद्ध होगा। यहाँ से जाने के बाद सभी गौठानों समिति के साथ मिलकर एक मीटिंग की और बड़ी बात तो तब हो गई चंदखुरी से लौटकर इन महिलाओं में ऐसा जोश और जुनून सवार हुआ कि एक ही दिन में इन्होंने भी वर्मी बेड तैयार कर डाले। इन महिलाओं ने ठान लिया है कि जब सरकार उनको इतनी मदद और मौके दे रही है तो उनको भी चूकना नहीं है। जय माँ कर्मा समूह की भारती सोनबेर कहती हैं अगर चंदखुरी की महिलाएं ये काम कर सकती हैं तो वो क्यों नहीं।आज की मेहनत कल रंग जरूर लाएगी।इसी सोच के साथ पंचायत की मदद से उन्होंने ये काम कर डाला। सरपंच श्री राजकुमार ठाकुर ने कहा कि महिलाओं को पंचायत से पूरा सहयोग दिया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। अभी महिलाओं ने मिलजुल कर वर्मी बेड तैयार कर लिए हैं इसके बाद चंदखुरी में मिले प्रशिक्षण के अनुसार गोबर भराई का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब गोबर खरीदी फिर से शुरू हो गई है इसलिए वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने में भी तेजी आएगी। ये सब शुरू कैसे हुआ- आर जामगांव के सचिव श्री नरेश महतो ने बताया कि जब उनके गांव की महिलाओं को यह पता चला कि उनकी चंदखुरी की बहनें इतना अच्छा काम कर रही है तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना वह भी यह काम सीख कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने की राह पर चलें। हालांकि पहले इन महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया था मगर फिर भी कुछ तकनीकी पहलुओं को समझ नहीं पायीं थी।इसलिए उन्होंने इन सबकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनको चंदखुरी लाने का निर्णय लिया। श्री महतो ने बताया कि आर जामगांव से जय माँ कर्मा, जय माँ बम्लेश्वरी, शिव शक्ति और प्रतिभा स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने आकर चंदखुरी गौठान में डी कंपोजर की मदद से कम समय में वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाना सीखा।चंदखुरी में सभी ने बहुत अच्छा सहयोग दिया।उन्होंने बताया कि यहां की सचिव सुश्री कामिनी चंद्राकर,कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती अर्चना चखियार ,सिन्धुजा समूह की दीदियों सहित चंदखुरी के गौठान की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया।

Created On :   8 Dec 2020 9:57 AM GMT

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