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कर्तव्य निष्ठता -अब घर-घर बुलाने जा रहे शिक्षक , कई छात्रों ने टीचर्स के मोबाइल नंबर ही कर दिए ब्लॉक
शासकीय हाईस्कूल फूटाताल में शिक्षकों ने तय कर रखी है विद्यार्थियों की संख्या रोजाना स्कूल पहुँचते ही सबसे पहले विद्यार्थियों को लाने का करते हैं काम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हर बार सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ये दोष दिया जाता है कि वे कक्षाओं में अध्यापन नहीं कराते, लेकिन फूटाताल शासकीय हाईस्कूल में शिक्षक अपनी अलग मिसाल पेश कर रहे हैं। ये शिक्षक स्कूल पहुँचते ही विद्यार्थियों के घरों तक जाकर उन्हें स्कूल लाने का कार्य करते हैं। वजह विद्यार्थियों का स्कूल न आना है। विद्यार्थियों को घरों से लाने के लिए शिक्षकों ने अपनी-अपनी ड्यूटी बाँध ली है। स्कूल में 1 पुरुष शिक्षक और 11 महिला शिक्षक हैं। शिक्षिकाओं ने बताया कि दसवीं की बोर्ड परीक्षाएँ सिर पर आ गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक स्कूल लगाने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि विद्यार्थी स्कूल ही नहीं आना चाहते। अब तय समय पर शिक्षक स्कूलों तक तो पहुँच जाते हैं, लेकिन कक्षाएँ खाली रहती हैं। विद्यार्थियों को फोन नहीं लगा सकते, क्योंकि उन्होंने सभी शिक्षकों के मोबाइल नंबरों को ब्लैक लिस्ट कर रखा है, इसलिए अंतिम विकल्प विद्यार्थियों को घरों से लाना ही बचता है। उसमें भी छात्राएँ आनाकानी करती हैं। जैसे-तैसे मनाकर, समझाकर विद्यार्थियों को कक्षाओं तक शिक्षक लेकर आते हैं।
फैक्ट फाइल - 95 प्रतिशत से अधिक परिणाम लाने का टारगेट
स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उन्हें कक्षा दसवीं का परिणाम 95 प्रतिशत से अधिक लाने का टारगेट मिला है। आने वाले विद्यार्थी पढ़ाई में बेहद कमजोर हैं। ऊपर से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक वे रुकना नहीं चाहते। बड़ी मेहनत करके उन्हें पढ़ाई कराई जा रही है, ताकि वे कक्षा दसवीं में पास हो सकें। स्कूल को-एड है। जिसमें 16 छात्राएँ व 18 छात्र हैं।
इनका कहना है
विद्यार्थी स्कूल आने तैयार नहीं होते, इसलिए हम सभी शिक्षक स्कूल पहुँचते ही विद्यार्थियों को घरों से लाने का काम करते हैं, ताकि उन्हें अध्यापन करा सकें।
-मनीषा जैन, प्रभारी प्राचार्य
Created On :   16 March 2021 4:56 PM IST