दो वर्ष में निपटाए 46 लाख से ज्यादा मामले, महाराष्ट्र सबसे आगे  

E-Lok Adalat: More than 46 lakh cases settled in two years
दो वर्ष में निपटाए 46 लाख से ज्यादा मामले, महाराष्ट्र सबसे आगे  
ई-लोक अदालत दो वर्ष में निपटाए 46 लाख से ज्यादा मामले, महाराष्ट्र सबसे आगे  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। भारत की अदालतों में लंबित मामलों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि देश में इस समय 4.70 करोड़ मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। चार करोड़ 10 लाख से अधिक मामले तो निचली अदालतों में ही लंबित हैं। ऐसे में देशवासियों को शीघ्र और कम खर्च में न्याय प्रदान करने के लिए ई-लोक अदालतें शुरू की गई हैं। केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि जून 2020 से जून 2022 के दौरान देश की ई-लोक अदालतों में 38.36 लाख पूर्व-मुकद्दमेबाजी (प्री-लिटिगेशन) और 8.34 लाख न्यायालयों में लंबित मामलों को निपटाया गया है।

रिजीजू के मुताबिक ई-लोक अदालतें, उच्च न्यायालयों सहित न्यायालयों के बढ़ते लंबित मामलों को रोकने में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) तंत्र का सबसे प्रभावी तरीका है। लिहाजा ई-लोक अदालतों को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान ई-लोक अदालतों में पूर्व-मुकद्दमेबाजी और लंबित मामलों के कुल एक करोड़ 89 लाख मामले लिए गए हैं, जिनमें से 46 लाख 71 हजार से ज्यादा मामले निपटाए जा चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में निपटे हैं। 

महाराष्ट्र की ई-लोक अदालतों में निपटे 38 लाख मामले

महाराष्ट्र की ई-लोक अदालतों में सबसे ज्यादा एक करोड़ 74 लाख से ज्यादा मामले लिए गए और 38 लाख 58 हजार से ज्यादा मामले निपटाए जा चुके हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश की ई-लोक अदालतों में कुल 40 हजार 253 मामले लिए गए और सिर्फ 8,697 मामले निपटाए गए। महाराष्ट्र में ई-लोक अदालतों के प्रभावी कामकाज का अंदाजा इसी बात से लगता है कि यहां पूर्व मुकद्दमेबाजी के 35 लाख और न्यायालयों में लंबित 3 लाख 45 हजार से ज्यादा मामले निपटाए जा चुके हैं। बता दें कि पहली ई-लोक अदालत का आयोजन 27 जून 2020 को मध्यप्रदेश में किया गया था। बावजूद इसके मध्यप्रदेश में ई-लोक अदालतों का कामकाज काफी सुस्त रहा है। विधि मंत्रालय के अनुसार जून 2020 से जून 2022 तक महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित 28 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में ई-लोक अदालतों का आयोजन हो चुका है। 

क्या होती है ई-लोक अदालत

ऑनलाइन लोक अदालत या ई-लोक अदालत न्यायिक सेवा संस्थानों का एक नवाचार है, जिसमें अधिकतम लाभ के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। यह लोक अदालत का ही एक वर्चुअल प्रारूप है, जो लोगों को घर बैठे ही न्याय प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। ई-लोक अदालतों के संचालन में खर्च कम होते हैं, क्योंकि इसमें परंपरागत रूप से संगठन खर्चों की जरूरत समाप्त हो जाती है। कोरोना महामारी के मद्देनजर ई-लोक अदालतों की उपयोगिता बढ़ी है। 

 

Created On :   14 Aug 2022 9:58 PM IST

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