रेत खदानों की पुन: नीलामी के लिये जारी हुई की ई-निविदा सूचना

E-tender notice issued for re-auction of sand mines
रेत खदानों की पुन: नीलामी के लिये जारी हुई की ई-निविदा सूचना
पन्ना रेत खदानों की पुन: नीलामी के लिये जारी हुई की ई-निविदा सूचना

डिजिटल डेस्क,  पन्ना। पन्ना जिले में रेत खदानों की नीलामी काफी समय से अटकी हुई है जिला कलेक्टर द्वारा पूर्व में नीलामी को लेकर ई-निविदा की सूचना जारी की गई थी किंतु समय अवधि समाप्त होने के बाद जब बीते दिनांक निविदा समिति द्वारा ई-निविदाओ को ठेका के निष्पादन के लिये खोला गया तो पन्ना जिले में स्थापित किये गये दो रेत खदान समूह के लिये कोई भी निविदाये प्राप्त नहीं हुई हैं जिसके चलते एक बार फिर से जिला कलेक्टर द्वारा राज्य शासन द्वारा प्रदेश में रेत खनन परिवहन भण्डारण नियम २०१९ के अंतर्गत रेत खदानो की निविदा दिनांक ७ फरवरी २०२२ को जारी की गई है। जारी की गई ऑनलाईन निविदा प्रस्तुत करने की अवधि १२ फरवरी २०२२ से ५ मार्च २०२२ अपरान्ह ५ बजे तक निर्धारित की गई है। जानकारी के अनुसार पन्ना जिले में रेत खदानों के नीलामी जिन दो समूहो की जा रही है उसके प्रथम समूह में अजयगढ़ तहसील की १४ रेत खदानें तथा द्वितीय समूह में अमानगंज शाहनगर गुनौर पवई तहसीलो में कुल १२ रेत खदाने है। रेत खदान ठेका समूहों की नीलामी शेष बची अवधि २३ जून २०२३ तक संचालन के लिये की जारी है।
ठेका समूहों की आफसेट प्राईज ३० करोड़ निर्धारित 
पन्ना जिले के दो रेत खदानो के दो समूह के लिये ई-निविदा प्रक्रिया से नीलामी होनी है दोनों ठेका समूह के लिये ऑफसेट प्राईज (शासकीय मूल्य) २५० रूपए प्रति घन मीटर के हिसाब से कुल ३० करोड़ रूपया निर्धारित किया गया है। जिसमें प्रथम समूह मेें सम्मिलित अजयढ़ तहसील की  कुल १४ खदानों में मोैजूद रेत खजिन कुल मात्रा ९ लाख ८१ हजार २९४ घन मीटर रेत के लिये शासकीय मूल्य २४ करोड़ ५३ लाख २३ हजार ५०० रूपए एवं द्वितीय समूह सम्मिलित अमानगंज, गुनोैर, शाहनगर, पवई तहसील की १२ खदानों में मौजूद रेत खनिज की मात्रा २ लाख १८ हजार ७०६ घन मीटर रेत के लिये शासकीय मूल्य ५ करोड़ ४६ लाख ७६ हजार ५०० रूपये निर्धारित किया गया है। 
रेत ठेकों का निष्पादन नही अवैध रूप से हो रही है भारी मात्रा निकासी 
पन्ना जिले में इसके पूर्व जिले मे स्थिति सभी रेत खदानों के एक समूह बनाकर रेत का ठेका दिया गया था। रेत का ठेका ठेकेदार रश्मीत मल्होत्रा को प्राप्त हुआ था। जिसके द्वारा ३० जून २०२१ तक स्वीकृत रेत खदानों का संचालन किया गया हेै इसके वर्षाे काल में वैधानिक से रेत खदानों का संचालन बंद रहा और ठेकेदारो ठेका अवधि इसके साथ पूर्ण हो गई। जिसके बाद रेत खदानों के निष्पादन काफी विलम्ब हो गया है। आरोप लग रहे है कि अजयगढ़ तहसील स्थिति रेत खदान क्षेत्रों से प्रतिदिन भारी मात्रा में माफियाओं तथा अवैध कारोवारियों द्वारा निकाली जा रही है जिससे लाखों-करोडों रूपयों के राजस्व की क्षति सरकार को हो चुकी है। रेत अवैध उत्खन्न बड़े पैमाने पर हो रहा है। अजयगढ़ केन नदी क्षेत्र से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है। आरोप यह भी लग रहे है कि प्रतिदिन जो अवैध रूप से रेत खदान क्षेत्रों से बड़ी मात्रा मे अवैध रूप से रेत निकल रही है उसे बैखौफ हो कर डम्फरों, ठेलों तथा ट्रालियों में लोड करवाने के अवैधानिक रूप से परिवहन कर बेंचा जा रहा है। आरोप यह भी लग रहे है कि अवैध रूप से रेत खदान राजनैतिक, प्रशासनिक एवं पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। रेत के अवैध कारवार में बड़ो से लेकर छोटो की हिस्सेदारी और कमीशन तय होने के आरोप लग रहे है और बड़ी मात्रा में अब तक निकाल ली गई रेत की वजह से कहा जा रहा है कि रेत खदानो में वास्तविक रूप से अब न के बराबर ही रेत शेष रह गई है और यही बड़ी वजह बताई जा रही है कि पूर्व में जो ई-निविदा रेत खदान समूहों की नीलामी के लिये जारी की गई थाी उसको लेकर ठेकेदारो द्वारा रूचि नही दिखाई गई और दोनों समूहो में से किसी भी समूह के लिये एक भी टेण्डर नहीं आया।   

Created On :   10 Feb 2022 10:24 AM IST

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