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इससे पहले वर्ष 2015 में दर्ज हुई थी सबसे कम 31 इंच वर्षा, जिले में 52 इंच का है औसत
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मानसून की बेरुखी ने इस बार लोगों को परेशान कर दिया है। बरगी बाँध टारगेट से नीचे है, जलाशय खाली हैं और मानसून के बचे दिनों में औसत बारिश के करीब पहुँचने के हालात नजर नहीं आ रहे हैं। संभव है िक यदि इसी तरह से आगे बचे दिनों में बारिश हुई तो वर्ष 2015 जैसे हाल भी हो सकते हैं। उस वर्ष मानसून सीजन में जिले में केवल 31 इंच ही बरसात दर्ज हुई थी। इस बार मानसून के अब तक 85 दिन बीत चुके हैं और केवल 18 इंच से कुछ ज्यादा ही बारिश हो सकी है। पिछले साल के मुकाबले अब तक 11 इंच कम बारिश है तो औसत के हिसाब से 40 फीसदी कम बरसात दर्ज हुई है। जिले में मानसून की वर्षा का औसत करीब 52 इंच है। कम वर्षा से पर्यावरणविद चिंतित हैं।
आसपास कोई विशेष सिस्टम नहीं
मौसम वैज्ञानिक बीजू जान जैकब कहते हैं कि अभी मध्य प्रदेश में आसपास कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है। उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर कम दबाव है।
दिन भर उमस ने किया हलाकान
सावन का महीना बीतने के बाद शहरवासी भादो से उम्मीद लगाए बैठे हैं और झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें सिर्फ मायूसी ही हाथ लग रही है। उमस भरी गर्मी एक बार फिर बेचैन करने आतुर है। बुधवार को भी दिन भर यही हालात रहे। शाम साढ़े 5 बजे से बारिश जरूर शुरू हुई लेकिन उम्मीद के मुताबिक बादल नहीं बरसे। 1 घंटे के भीतर ही बदरा शांत हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक ये बारिश इतनी कम थी कि ट्रेस नहीं हो पाई।
बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री अधिक 30.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इस दौरान आद्र्रता का प्रतिशत 84 रहा। तकरीबन एक घंटे में बारिश 0.6 मिमी रिकॉर्ड की गई। इससे बारिश का आँकड़ा 472.4 मिमी पर ही पहुँच पाया है। पश्चिमी हवाएँ 3 से 4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। गत वर्ष आज के दिन तक कुल 758.1 मिमी बारिश हो चुकी थी। विभागीय अनुमान के मुताबिक संभाग के कुल जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।
Created On :   26 Aug 2021 1:40 PM IST