लगभग 80 प्रतिशत डोमेस्टिक और 95 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को नुकसान

Eclipse on tourism industry - about 80 percent domestic and 95 percent loss to international tourism
लगभग 80 प्रतिशत डोमेस्टिक और 95 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को नुकसान
टूरिज्म उद्याेग पर ग्रहण लगभग 80 प्रतिशत डोमेस्टिक और 95 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर का टूरिज्म उद्योग कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आ गया है। शहर के टूरिज्म उद्योग को लगभग 80 से 95 प्रतिशत नुकसान हुआ है। दिसंबर माह के बाद कोरोना के नए वैरिएंट के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण शहर से बाहर घूमने जाने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार 2020 के मुकाबले डाेमेस्टिक टूरिज्म इंडस्ट्री पर 70 से 80 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म पर 95 प्रतिशत तक असर हुआ है। संक्रमण बढ़ने के कारण स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं। बाहर से आने वाले लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज और आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया गया है, जिससे कई लोगों ने अपने टूर रद्द कर दिए हैं। इस साल दिसंबर माह में गोवा के कई टूर रद्द हुए हैं। 

लगातार घाटे में चल रही इंडस्ट्री

एक टूरिज्म कंपनी के संचालक मानविंदर सिंह तुली ने बताया कि कोरोना की पहली लहर दिसंबर 2019 में आई थी, जिसके बाद देश में मार्च 2020 से लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय में दिसंबर और जनवरी माह का व्यापार हुआ था, इसके बाद लॉकडाउन लगा दिया गया। तब से लेकर अब तक टूरिज्म उद्योग पर काफी असर हुआ है। कई टूरिज्म एजेंसियां बंद हो गईं। इस साल इस इंडस्ट्री को पिछले घाटे से उबरने की उम्मीद दिख रही थी, लेकिन एक बार िफर कोरोना ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

इस समय उत्तर भारत अधिक जाते हैं पर्यटक 

तुली ने बताया कि दिसंबर से फरवरी माह तक पर्यटकों का रुझान उत्तर भारत के राज्यों की ओर अधिक रहता है। ठंड का मौसम होने के कारण बर्फबारी का मजा लेने के लिए लोग दार्जिलिंग, गैंगटोक, मनाली, शिमला, कश्मीर आदि जगह के लिए काफी संख्या में बुकिंग कराते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण कई लोगों ने या तो बुकिंग रद्द कर दी है या फिर बाहर जाने का प्लान आगे बढ़ा दिया है। 

होटल्स में भी बुकिंग नहीं 

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के पचमढ़ी, खजुराहो, ओरछा, मांडू  आदि पर्यटन स्थल पर इस माैसम में हजारों की संख्या में सैलानी आते थे, लेकिन अब सैलानियों की संख्या 40 प्रतिशत से भी कम हो गई है। शहर से भी हजारों पर्यटक इन स्थानों पर छुट्टियां मनाने के लिए जाते थे। पर्यटकों के नहीं आने के कारण पचमढ़ी के व्यवसाय को रोजाना 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। यहां लगभग 90 प्रतिशत लोगों का रोजगार  पर्यटन पर निर्भर है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में तो यहां पर्यटकों की भीड़ रहती है। उसी प्रकार खजुराहो का भी पर्यटन ठप हो गया है। यहां स्थानीय के साथ ही काफी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के कारण विदेशी पर्यटकों का आना पूरी तरह से बंद है। यहां के 80 प्रतिशत तक होटल खाली है। यही हाल अन्य पर्यटन स्थलों का भी है।

 

Created On :   20 Jan 2022 3:24 PM IST

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