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किसानों से कृषि कनेक्शन के बिल नहीं मिलने से महावितरण की आर्थिक स्थिति बिगड़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि कनेक्शनों की बिजली काटना बंद होने से बकाया बिल की राशि हर महीने बढ़ती ही जा रही है। ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो नागपुर परिमंडल (नागपुर व वर्धा) में कृषि बिल के 700 करोड़ बकाया हो गए हैं, जिसका बोझ सहना महावितरण के लिए मुश्किल हो गया है। बकाया बिल की भारी-भरकम राशि को देखते हुए मेंटेनंेस व ठेकेदारों को भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं। नागपुर जिले में 1 लाख 4 हजार कृषि कनेक्शन हैं, जिस पर 460 करोड़ का बिल बकाया है। वर्धा जिले में 79208 कृषि कनेक्शन हैं, जिन पर 240 करोड़ का बिल बाकी है। इसके अलावा नागपुर परिमंडल में घरेलू, वाणिज्यिक व इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं पर 325 करोड़ का बिल बकाया है। फिलहाल कृषि कनेक्शन काटने पर अघोषित पाबंदी जारी है।
सरकार नहीं लेना चाहती रिस्क
सरकार जब तक आदेश नहीं देती, तब तक कृषि पंप की बिजली नहीं काट सकते हैं। फिलहाल ग्रामीण इलाकों में उपचुनाव का माहौल है। ऐसे में बिजली काटना ग्रामवासियों की नाराजगी का कारण बन सकता है। आघाड़ी सरकार को चुनाव में नुकसान हो सकता है। महावितरण की स्थिति इधर कुआं, उधर खाई जैसी हो गई है। महावितरण कृषि उपभोक्ताआें से वसूली करना चाहता है, लेकिन उसे आदेश नहीं मिल रहा। आर्थिक बोझ से महावितरण दुरुस्ती कार्य, ठेकेदारों को भुगतान नहीं कर पा रहा है। यहां तक कि मशीन आदि की सामग्री खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
नई भर्ती प्रक्रिया खटाई में
तकनीकी कर्मचारियों के सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत ने मनुष्य बल की कमी को दूर करने के लिए रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। नागपुर परिमंडल में ही बकाया बिल (सामान्य व कृषि) 1025 करोड़ (325 व 700) होने से नई भर्ती प्रक्रिया खटाई में पड़ गई है। अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन भी समय पर होने में दिक्कत हो सकती है।
सिर्फ 5% किसान भरते हैं बिल
नागपुर परिमंडल के रिकार्ड पर गौर करें, तो 5 फीसदी कृषि उपभोक्ता ही नियमित बिल का भुगतान करते हैं। महावितरण की तरफ से सख्त कार्रवाई नहीं होने से 95 फीसदी उपभोक्ता समय पर भुगतान करने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। महावितरण ने समय पर बिल का भुगतान कर सहयोग करने की गुजारिश उपभोक्ताआें से की है। महावितरण का कहना है कि पैसे के बिना सेवा प्रभावित हो सकती है। इसलिए अच्छी सेवा के लिए बिल का भुगतान जरूरी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया था, लेकिन कुंभकोणी की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी नियुक्ति की थी। वे पिछली सरकार के ‘कंटिन्यू’ हुए एडवोकेट जनरल नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने अपने अधिकार में उन्हें नियुक्त किया है। इसलिए कुंभकोणी के बारे में मुख्यमंत्री से सवाल पूछना चाहिए। यह सलाह विधानसभा में विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस ने नाना पटोले को दी है। फडणवीस ने बिजली बिल वसूली को लेकर भी ऊर्जामंत्री पर निशाना साधा। ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत ने बड़े पैमाने पर बिल बकाया होने से राज्य में अंधेरा होने की आशंका जताई है। इस पर फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को बकाया बिजली बिल की साहूकार जैसी जबरन वसूली करनी है। बकाया की दहशत निर्माण की जा रही है। कोरोना के कारण किसान और सामान्य नागरिक मुश्किल में हैं। उन्हें मदद करने के बजाए उनसे वसूली की तैयारी है। इसके लिए यह सब नाटक शुरू है। विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने राष्ट्रवादी संदर्भ में किए विवादित बयान पर फडणवीस ने कहा कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पहले ही स्पष्ट किया कि प्रवीण दरेकर ने बोली-भाषा में यह कहा है। उसका अलग-अलग अर्थ निकालना योग्य नहीं है। फिलहाल राष्ट्रवादी के पास कोई मुद्दा नहीं है। ओबीसी आरक्षण के बिना जिला परिषद चुनाव हो रहे हैं। हम चुनाव में जाएंगे।
Created On :   15 Sept 2021 6:04 PM IST