ईडी ने भाजपा नेता व दूसरे लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर जब्त किए करोड़ो के गहने व कार

ED seized jewelry and cars worth crores by raiding the places of BJP leaders and others
ईडी ने भाजपा नेता व दूसरे लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर जब्त किए करोड़ो के गहने व कार
430 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला ईडी ने भाजपा नेता व दूसरे लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर जब्त किए करोड़ो के गहने व कार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 430 करोड़ रुपए के सेवा विकास को-आपरेटिव बैंक घोटाला मामले में पुणे के भाजपा नेता अमर मूलचंदानी और दूसरे लोगों को ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 2.72 करोड़ रुपए के गहने, 41 लाख रुपए नकद, 4 मंहगी कारों के साथ कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं। ईडी ने पुणे और पिंपरी चिंचवड के 10 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान मूलचंदानी के परिवार ने शुरूआत में घर नहीं खोला और करीब दो घंटे तक ईडी अधिकारी दरवाजे पर दस्तक देते रहे।ईडी अधिकारी घर के अंदर से आ रही आवाजें सुन सकते में थे लेकिन घर के अंदर की बत्तियां बंद कर दी गईं थीं। आखिरकार ईडी को स्थानीय पुलिस स्टेशन की मदद लेनी पड़ी। पुलिस की टीम ने ताला तोड़ने वाले को बुलाया और उसने जैसे ही ताला तोड़ने की कोशिश की आरोपियों ने दरवाजा खोल दिया। इसके बाद ईडी की शिकायत पर पुलिस ने अमर मूलचंदानी और उनके परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। अमर मूलचंदानी के साथ उसके परिवार के सदस्यों अशोक मूलचंदानी, मनोहर मूलचंदानी, दया मूलचंदानी, साधना मूलचंदानी और सागर मूलचंदानी को भी गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेशी के बाद सभी को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी का दावा है कि दो घंटों के दौरान अमर मूलचंदानी ने मोबाइल से घोटाले से जुड़े सबूत नष्ट किए। मूलचंदानी सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष हैं।

ईडी ने घोटाले में कथित तौर पर शामिल पुणे के रोजरी स्कूल से जुड़े विजय अरान्हा और सागर सूर्यवंशी के ठिकानों पर भी छापेमारी की। ईडी ने 429.6 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में पुणे के विमानतल पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लांडरिंग का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि बैंक द्वारा दिए गए 126 मामलों में कर्ज के पैसे वापस नहीं आए जिससे उसे यह नुकसान हुआ। यह कर्ज रोजरी एजुकेशन ग्रुप और दूसरे लोगों को दिए गए थे। छानबीन में यह भी खुलासा हुआ कि मूलचंदानी ने नियमों को ताक पर रखकर कर्ज बांटे। कर्ज कागज पर बनाए गए फर्जी संस्थानों को दिए गए जिसके पैसे कभी वापस नहीं आए। मामले में बैंक के प्रबंधकों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई है। आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है।   

 

Created On :   30 Jan 2023 8:15 PM IST

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