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लॉक डाउन का एक यह भी असर, एनडीडीबी के पास बढ़ी दूध की आवक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के कारण उद्योग-धंधे के साथ ही संपूर्ण महाराष्ट्र में होटल, रेस्तरां आदि बंद हैं। होटल बंद होने के कारण दूध का उपयोग केवल घरेलू उपयोग के लिए किया जा रहा है। होटल और रेस्तरां बंद होने के कारण मिठाई और अन्य दुग्ध सामग्री बनाने के लिए लगनेवाले दूध की खपत कम हुई है। विक्रेताओं द्वारा अब वह दूध राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को बेचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि एनडीडीबी के पास अब दूध की आवक 20 से 30 प्रतिशत बढ़ी है। बड़े-बड़े होटलों और दुग्ध पदार्थ के निर्माताओं ने दूध की खरीदी कम कर दी है और दाम भी घटा दिए हैं, जिससे अब दुग्ध उत्पादक किसान अपना दूध एनडीडीबी को बेच रहे हैं। विदर्भ और मराठवाडा मिलाकर 2.50 लाख लीटर दूध की आवक हाे रही है। पहले इन दोनों क्षेत्रों से एनडीडीबी को 1.90 लाख लीटर दूध की आवक हो रही थी।
विदर्भ में 1.25 लाख लीटर दूध की आवक
लॉकडाउन के कारण एनडीडीबी के पास दूध की आवक बढ़ी है। पहले संपूर्ण विदर्भ से 70 से 80 हजार लीटर दूध की आवक होती थी, जो अब बढ़कर 1.25 लाख लीटर हो गई है। आवक बढ़ने का कारण निजी कंपनियों द्वारा खपत कम होने के कारण किसानों से दूध खरीदना कम करना बताया जा रहा है।
रोजाना 60 से 70 हजार लीटर दूध दिल्ली और मुंबई भेज रहे
विदर्भ और मराठवाड़ा का दूध लोकल जरूरत पूरी होने के बाद दिल्ली और मुंबई भेजा जा रहा है। रोजाना 60 से 70 हजार लीटर दूध यहां से भेजा जा रहा है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड यह दूध मदर डेयरी काे देता है। नागपुर में भी मदर डेयरी का एक उत्पादन संयंत्र है, जहां दूध से विविध पदार्थों का निर्माण किया जाता है। मदर डेयरी इससे घी, आइसक्रीम के साथ ही अन्य दुग्ध पदार्थों का निर्माण किया जाता है।
Created On :   10 April 2020 4:41 PM IST