लॉकडाउन का असर : दवाओं के दाम बढ़े, नियमित सेवन करने वाले परेशान

Effect of lockdown: Drug prices rise, regular medicine users upset
लॉकडाउन का असर : दवाओं के दाम बढ़े, नियमित सेवन करने वाले परेशान
लॉकडाउन का असर : दवाओं के दाम बढ़े, नियमित सेवन करने वाले परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना वायरस के कारण हुई तालाबंदी से परेशान लोगों पर एक और मार पड़ी है। कुछ दवाओं के दाम में वृद्धि दर्ज की जा रही है। दवा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि  भारत को दवा बनाने के लिए चीन और यूरोपीय देशों से कच्चा माल मंगाना पड़ता है। कोरोना के कारण चीन से आयात ठप है, इसलिए यूरोपीय देशों से ही कच्चा माल मंगवाना पड़ रहा है। इस कारण परेशानी बढ़ी है और इसका फर्क दवाओं के दाम पर नजर आ रहा है।  

मेडिकल स्टोर संचालकों से प्राप्त दवाओं के रेट

दवा                             मार्च या उसके पहले                  अप्रैल के बाद
मधुमेह की एक दवा       15 रुपए 32 पैसे (पत्ता)            16 रुपए 83 पैसे (पत्ता)
रक्तचाप की एक दवा     29 रुपए (पत्ता)                       32 रुपए (पत्ता)
चक्कर की एक दवा       222 रुपए 23 पैसे (पत्ता)           244 रुपए 45 पैसे (पत्ता)
हाइड्रोक्लोक्वीन            87 रुपए (पत्ता)                       99 रुपए (पत्ता)
मलेरिया                      8 रुपए (एक टैबलेट)                 12 रुपए ( एक टैबलेट)
स्पिरिट                      100 एमएल की शीशी 20 रुपए    100 एमएल की शीशी 37 रुपए           
ग्लिसरीन                   50 ग्राम की बोतल 20 रुपए         50 ग्राम की बोतल 30 रुपए

उत्पादन पर असर  

चीन से आयात बंद है। सरकार ने दवा कंपनियों को उत्पादन जारी रखने की अनुमति तो दी है, लेकिन कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से उत्पादन पर असर पड़ रहा है। 
-सुधीर देऊलगांवकर, अध्यक्ष,  विदर्भ ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन 

माल उपलब्ध नहीं
आधारभूत कच्चा माल आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे लागत बढ़ रही है। जितनी सामग्री उपलब्ध है, उससे ही दवा का उत्पादन कर रहे हैं। इसलिए दवाओं के दाम में इजाफा हो रहा है।
-मोहन अभ्यंकर, उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, विदर्भ जोन 

फर्क तो आया है 
कुछ दवाओं की कीमतों में फर्क आया है। मुझे लगता है कि यह चीन से माल नहीं आने के कारण हो सकता है। कोविड-19 संक्रमण के बाद से वहां का माल आना बंद हो गया है। दूसरे देश से कच्चा माल मंगाना भी कारण हो सकता है।  
-हेतल ठक्कर, सचिव, नागपुर ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन   

Created On :   17 May 2020 4:13 PM IST

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