बेमौसम बारिश का असर, आंधी से गिरा मोबाइल टॉवर और भीगा गेहूं

Effect of unseasonal rain, mobile tower fell due to storm and soaked wheat
बेमौसम बारिश का असर, आंधी से गिरा मोबाइल टॉवर और भीगा गेहूं
रैक प्वाइंट में लापरवाही, बारिश की भेंट चढ़ा हजारों क्विंटल गेहूं बेमौसम बारिश का असर, आंधी से गिरा मोबाइल टॉवर और भीगा गेहूं

डिजिटल डेस्क शहडोल। बेमौसम की बारिश ने भीषण गर्मी से राहत तो दिलाई लेकिन अपने साथ कुछ मुश्किलें भी लकर आई। मौसम के मिजाज में शनिवार से बदलाव को देखने को मिला था। आसमान पर बादल छाए थे। रविवार को दोपहर बाद तेज आंधी के साथ बारिश हुई। इस दौरान जैतपुर के खैरहनी गांव में लगा बीएसएनएल का मोबाइल टॉवर धराशायी हो गया। वहीं जिला मुख्यालय के रेलवे रैक प्वाइंट में उतरा हजारों क्विंटल गेहूं खुले में रखा था, जो भीग गया। रविवार को दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश शुरु हुई। मौसम में ठंडक लौट आई। जैतपुर के खैरहनी गांव में तेज आंधी के बीच मोबाइल टॉवर गिर गया। घटना में जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन बीच सड़क पर गिरे टॉवर से सड़क में कई घंटों तक आवागमन अवरुद्ध रहा।
रैक प्वाइंट में ठेकेदार की मनमानी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा अन्य योजनाओं में वितरण के लिए बाहर से गेहूं का एक रैक तीन दिन पहले पहुंचा है। उठाव का ठेका सतना के ठेकेदार को मिला है। उसके द्वारा गेहूं को व्यवस्थित करने के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। उसी जगह पर सीमेंट और अन्य सामानों का रैक लगता है, जहां पर गंदगी रहती है। उसी गंदगी और सीमेंट की डस्ट के बीच गेहूं की बोरियां उतार दी गई। नीचे न तो पन्नी बिछाई गई न तिरपाल।
न नीचे पन्नी न ऊपर तिरपाल
गंतव्य तक पहुंचने तक खाद्यान्न को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी परिवहनकर्ता की है। लेकिन रैक प्वाइंट में ठेकेदार द्वारा सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया। रैक स्थल पर नीचे पन्नी नहीं बिछाई गई। बोरियों को डस्ट के बीच ही रखवा दिया गया। जबकि बारियों को पन्नी के ऊपर रखना होता है ताकि बोरियों से गिरा अनाज सुरक्षित रहे। बारिश से बचने के लिए तिरपाल तक की व्यवस्था नहीं थी। बारिश से सैकड़ों बारियां भीग गई। नान प्रबंधक जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने इस बात पर नाराजगी भी जताई।
उठाव में भी देरी, लगी पैनाल्टी
नियमानुसार परिवहनकर्ता को रैक से अधिकतम 9 घंटे के अंदर खाद्यान्न का उठाव कर लेना था, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। 24 घंटे से अधिक का समय हो चुका है। रेलवे के नियमानुसार ठेकेदार पर दो से ढाई लाख रुपए का जुर्माना हो चुका है। नान के प्रबंधक का कहना है कि यह पेनल्टी ठेकेदार को ही भुगतनी होगी।
इनका कहना है
रैक प्वाइंट में खाद्यान्न सुरक्षा की जिम्मेदारी परिवहनकर्ता की है। लेकिन उसके द्वारा लापरवाही बरती गई। समय पर उठाव नहीं होने से रेलवे द्वारा दो लाख की पैनाल्टी भी उस पर लगाई गई है।
एसपी गुप्ता, प्रबंधक नान

Created On :   22 May 2022 10:48 PM IST

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