टैटू के दौर में गोदना को नई पहचान दिलाने की कवायद

Efforts to give a new identity to tattooing in the era of tattoos
टैटू के दौर में गोदना को नई पहचान दिलाने की कवायद
छत्तीसगढ़ टैटू के दौर में गोदना को नई पहचान दिलाने की कवायद

डिजिटल डेस्क, रायपुर। मौजूदा दौर में नई पीढ़ी को अपने शरीर पर टैटू बनवाने का बड़ा शौक है, मगर यह प्राचीन परंपरा का आधुनिक रूप है, बस्तर के लोगों का अपने शरीर पर गोदना गुदवाते आए हैं। इस परंपरा से नई पीढ़ी को अवगत कराने और उनकी जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास तेज हुए हैं।

बस्तर सहित अन्य हिस्सों की आदिवासी संस्कृति में जहां प्रकृति से जुड़ाव दिखता है, वहीं उनकी संस्कृति में सृजनशीलता और सौंदर्यबोध की मौलिकता भी है। गोदना कला भी इन्हीं में से एक है। गोदना आर्ट बस्तर की परम्परा और लोकजीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसी मान्यता है कि गोदना मृत्यु के बाद अपने पूर्वजों से संपर्क का माध्यम है। आधुनिकीकरण के तेजी से बदलते समय में बस्तर की पारंपरिक कला को बचाए रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बघेल द्वारा बस्तर के आसना में बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंग्वेज (बादल) की स्थापना भी की गई है।

यह ऐसा केंद्र है, जहां बस्तर की गोदना कला को संरक्षित करने और स्थानीय युवाओं को गोदना के नए उभरते ट्रेंड्स से परिचित, प्रशिक्षित करने के प्रयास हो रहे आसना स्थित बादल एकेडमी में गोदना आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया, जहां पेशेवर गोदना विशेषज्ञों द्वारा बस्तर के युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रषिक्षण में जिलाधिकारी रजत बंसल ने भी पारंपरिक गोदना गुदवाया।

गौरतलब है कि बस्तर में गोदना आर्ट के विभिन्न प्रकार हैं, यहां की जनजातियों के बीच गोदना को बाना भी कहा जाता है। बाना अलग-अलग जनजातियों की पहचान को दर्शाता है। महिलाएं इसे सुंदरता बढ़ाने और बुरी शक्तियों से बचने का एक मजबूत माध्यम भी मानती हैं। बस्तर में मुरिया, धुरवा, भतरा, सुंडी, धाकड़ आदि जनजातियों के लोग प्रमुख रूप से गोदना बनवाते हैं। वे अपनी जनजाति के परंपरागत चिन्हों का अपने शरीर पर गोदना बनवाते हैं।

बस्तर के स्थानीय निवासी गोदना कलाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित करते आ रहे हैं, लेकिन आधुनिकता के दौर में इनका दायरा कम हुआ है और नई पीढ़ी के युवाओं की रुचि भी कम हुई है। पुराने समय में पारंपरिक तरीके से बनाए गए गोदना में असहनीय दर्द होता था, जिसे कम करने के लिए ग्रामीण जड़ी-बूटियों एवं घरेलू साधनों का प्रयोग करते थे, लेकिन अब गोदना आसानी से रोटरी टैटू मशीन और कॉइल टैटू मशीन जैसे आधुनिक उपकरणों की सहायता से बनाया जा सकता है।

 

सोर्स- आईएएनएस

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Created On :   23 Jun 2022 7:00 AM GMT

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