स्वामी अखिलेश्वरानंदजी गिरी की उपस्थित में मना एकात्म पर्व

Ekatma festival celebrated in the presence of Swami Akhileshwaranandji Giri
स्वामी अखिलेश्वरानंदजी गिरी की उपस्थित में मना एकात्म पर्व
गौ माता व पशूधन का संवर्धन करने आगे आना होगा स्वामी अखिलेश्वरानंदजी गिरी की उपस्थित में मना एकात्म पर्व

डिजिटल डेस्क, सिवनी। मातृ शक्ति ही वर्तमान में भविष्य की भावी पीढी को आदि शंकराचार्य के स्वरूप निर्मित कर देश को विश्व पटल पर अभूतपूर्व स्थान दिला सकती है। हम सभी को भी अपनें अपने जीवन के दैनिक कार्यो के साथ गौ माता व पशूधन का संवर्धन कर गऊ ग्रास हेतु सहयोग  करने आगे आना होगा। यह बात आचार्य शंकर (जगतगुरु शंकराचार्य) की जयंती पर एकात्म पर्व पर मप्र गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी  ने कही। वन विभाग के सभागिता भवन में हुए कार्यक्रम में अखिलेश्वरानंद ने अपना उदबोधन संस्कृत भाषा के श्लोक से विश्व शांति की कामना के किया। उन्होंने आचार्य शंकर के जन्म से जुडी महत्वपूर्ण बातों को बताया। कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी बलवंतानंद महाराज ने अखिलेश्वरानंद के दिए हुए संदेशों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आचार्य शंकर द्वारा बाल्यावस्था में ही सन्यास धारण कर सामान्य जनमानस के जीवन को उचित मार्ग प्रशस्त करनें के लिए कठिन मार्ग को चुना और संपूर्ण जीवन का बलिदान दिया।

यह भी रहा खास-

कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि रामकुमार चतुर्वेदी ने आदि शंकराचार्य के जीवन को कैसे सामान्य जनमानस द्वारा अपनाया जा सकता है इस पर अपनी बात कही। उन्होंने आदि शंकराचार्य एवं मंडल मिश्र के मध्य हुए शास्त्रार्थ का भी वर्णन किया। शिवनारायण पटेल ने आदि शंकराचार्य के जीवन के विभिन्न आयामों को मानव जीवन के लिए क्यों व क्या आवश्यक है इस पर व्याख्यान दिया।  उन्होंने बताया कि मानव जीवन में सामाजिक समरसता के साथ-साथ धार्मिक जीवन शैली को किस प्रकार सरलतम रूप से जीवन निर्वहन किया जा सकता है। आचार्य शंकर द्वारा प्रतिपादित जीवन के सिद्वांत को अपना कर वसुदेव कुटुम्बकम की अवधारणा को मूर्तरूप् प्रदान किया जा सकता है। कार्यक्रम में जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक सौरभ शुक्ला के अलावा साहित्यकार आदि उपस्थित थे।
 

Created On :   13 May 2022 6:03 PM IST

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