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बुजुर्ग महिला की मौत, डेल्टा प्लस वैरिएंट के संदेह पर मचा हड़कम्प
रांझी चम्पा नगर में अफवाह से बना दहशत का माहौल, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर के सदस्यों समेत आस-पास के क्षेत्र के लोगों के भी लिए नमूने
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रांझी चम्पा नगर क्षेत्र में गुरुवार दोपहर कोरोना संक्रमण से दो मौतों की अफवाह फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अमले में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में विशेष जाँच टीम बनाकर चम्पा नगर भेजी गई और जाँच के लिए नमूने जुटाए गए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार उन्हें जानकारी मिली कि कोरोना संक्रमण के डेल्टा प्लस वैरिएंट से 2 मौतें रांझी चम्पा नगर में हुई हैं, इससे जुड़ा एक मैसेज भी वायरल हुआ। जिसके बाद तत्काल स्वास्थ्य अमले को वहाँ रवाना किया गया। जाँच टीम के पहुँचने के बाद एक बुजुर्ग महिला की मौत की पुष्टि हुई। महिला 2 दिन से एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही थीं, एक दिन पूर्व ही रात में उनकी मृत्यु हुई थी। जाँच टीम को शुरुआत में संक्रमित महिला के संपर्क में आए करीब 30 व्यक्तियों के रैपिड टेस्ट में किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली, जिसके बाद सभी ने राहत की साँस ली। अधिकारियों के अनुसार डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से मौत हुई, यह अफवाह है क्योंकि वैरिएंट की जाँच के लिए प्रशासन द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की गई है जिसमें सैंपल दिल्ली भेजा जाता है। जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में वैरिएंट की जाँच नहीं होती है। कौन से सैंपल की जाँच होगी इसके लिए भी क्राइटेरिया निर्धारित किए गए हैं।
*निजी अस्पताल में हुई मौत, वेंटिलेटर पर थीं
जान गंवाने वाली 82 वर्षीय बुजुर्ग के पोते रोहित शर्मा ने बताया कि दादी का स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें राइट टाउन स्थित आदित्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। दो दिन बाद बुधवार की रात उनका निधन हो गया। अस्पताल प्रबंधन के डॉ. विश्वास शर्मा के अनुसार बुजुर्ग महिला को पहले से कुछ गंभीर बीमारियाँ थीं। उनकी कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव थी।
हफ्ते भर पहले भेजे गए थे 6 नमूने
मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलॉजी लैब द्वारा कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 6 नमूने 15 जुलाई को भेजे गए थे। नमूनों के भोपाल पहुँचने के बाद उन्हें अन्य जिलों के आए सैंपल्स के साथ एनएसडीसी दिल्ली भेजा गया। जानकारी के अनुसार दिल्ली से रिपोर्ट आने में कम से कम 15 दिन और अधिकतम 3 हफ्ते लग सकते हैं। लैब द्वारा हर प्रत्येक 15 दिनों में नमूने भेजे जाएँगे। बता दें कि करीब एक माह पहले प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से पीडि़त मरीज सामने आने के बाद, प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया था।
इनका कहना है
डेल्टा प्लस वैरिएंट से 2 मौतें होने की जानकारी अफवाह थी। वैरिएंट की जाँच के लिए क्राइटेरिया निर्धारित है। एक महिला की मौत हुई थी, जिसके बाद एहतियातन विभाग द्वारा उस क्षेत्र में कोरोना सैंपलिंग कराई गई।
डॉ. रत्नेश कुररिया, सीएमएचओ
Created On :   23 July 2021 2:24 PM IST