यूनिवर्सिटी के कामों में आचार संहिता का रोड़ा नहीं : हाईकोर्ट

Election code of conduct will not interfere in university work:HC
यूनिवर्सिटी के कामों में आचार संहिता का रोड़ा नहीं : हाईकोर्ट
यूनिवर्सिटी के कामों में आचार संहिता का रोड़ा नहीं : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में अर्जी दायर कर महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एमएनएलयू) के विकास का मुद्दा उठाया था। लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित इस प्रकरण में लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार ने संस्थान को मौजा वारंजा में 60 एकड़ जमीन आवंटित की है। यहां संस्था का स्थाई कैंपस बनाया जाएगा। इसके लिए जरूरी मंजूरी लेने और टेंडरिंग का कार्य जारी है। 7 मार्च को यूनिवर्सिटी ने कुछ कामों का वर्क ऑर्डर भी जारी किया था। अब उन्हें सिविल टेंडर जारी करने हैं, लेकिन राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है, जिसके कारण संस्थान के विकास कार्य रुक गए हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि आचार संहिता विकास कार्य में बाधक नहीं बनेगी। यूनिवर्सिटी अपने काम शुरू रख सकता है। 

कोर्ट ने निपटारा किया
नागपुर में लंबे समय से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नागपुर (लॉ यूनिवर्सिटी) शुरू करने की मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने संस्थान को जमीन दिलाने से लेकर, विद्यार्थियों के हॉस्टल, अस्थाई कैंपस, टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टॉफ जैसे विविध मुद्दों पर आदेश जारी किए थे। इसी बीच सरकार द्वारा अनुदान देने में कमी आने के मुद्दे का भी हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। अर्जी का उद्देश्य पूरा होने से कोर्ट ने इसका निपटारा कर दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।

हाईकोर्ट परिसर में रख-रखाव के अभाव में सूख रहे हैं पेड़
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने शहर में हो रहे निर्माणकार्य के चलते वृक्षों की कटाई या उनको पहुंच रही क्षति पर गंभीरता दिखाते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर कर रखी है। इस मामले में सुनील मिश्रा ने मध्यस्थी याचिका दायर की है। बुधवार को हुई सुनवाई में मिश्रा ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि शहर के अन्य क्षेत्रों की ही तरह हाईकोर्ट परिसर में भी रख-रखाव के आभाव में पेड़ सूख रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने मिश्रा को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के साथ मिल कर कोर्ट परिसर के पेड़ों का निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर जानकारी प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। 

काट दिए गए पेड़
शहर में जारी विविध विकास कार्यों के चलते कई पुराने और हरे-भरे पेड़ों का सफाया कर दिया गया है। शहर की हरियाली तेजी से कम हो रही है और पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से यह खतरे की घंटी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने इस समस्या पर गंभीरता दर्शाते हुए सू-मोटो जनहित याचिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की पहल की है। इसी याचिका के संबंध में पर्यावरण प्रेमी पेड़ बचाने के लिए आगे आने की अपील कर रहे हैं। बीती सुनवाई में सहायक सरकारी वकील कल्याणी देशपांडे को कोर्ट ने न्यायालयीन मित्र नियुक्त कर शहर में जारी पेड़ों की कटाई, पेड़ों की देख-भाल में लापरवाही, हरियाली के संरक्षण के लिए जरूरी पहलुओं से कोर्ट को अवगत कराने के निर्देश दिए थे। मामले में मनपा की ओर से एड. जैमिनी कासट ने पक्ष रखा।

Created On :   28 March 2019 2:15 PM IST

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