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प्रत्याशियों के खर्च पर नजर टीम की नजर, आसान नहीं है वोटरों पर खर्च करना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही उम्मीदवारों के खर्च पर भी नजर रखी जा रही है। चुनाव आयोग ने नागपुर लोकसभा चुनाव के लिए विनोदकुमार को व रामटेक लोकसभा चुनाव के लिए जे. पवित्रकुमार को आब्जर्वर नियुक्त किया है। दोनों ने ही चार्ज लेते ही सबसे पहले कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन में सहायक निरीक्षकों (खर्च) व चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों के साथ बैठक की और चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
वीडियो सिस्टम टीम को निर्देश
अब्जर्वर विनोदकुमार व जे. पवित्रकुमार ने प्रत्याशियों के खर्च पर विशेष नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हर प्रत्याशी के साथ वीडियो सिस्टम टीम (वीएसटी) रहेगी। यह टीम प्रत्याशियों के वाहन, पोस्टर, बैनर, कार्यकर्ताओं पर हो रहे खर्च पर नजर रखेगी। प्रत्याशी खर्च का जो ब्योरा पेश करता है, उसे देखने के बाद वीएसटी के रिकार्ड को भी देखा जाएगा। जिले में 12 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं और एक विधानसभा क्षेत्र में एक से ज्यादा टीमें कार्यरत हैं। टीम प्रत्याशियों के नगदी के व्यवहारों को भी रिकार्ड करेगी। धन-बल से वोटरों को लुभाने की कोशिश नाकाम करने के लिए प्रत्याशियों द्वारा छिपाकर दिए जाने वाले धन पर भी टीम की नजर रहेगी।
अधिकारियों को दिए टिप्स
दोनों आब्जर्वर ने नागपुर व रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रशासन की ओर से की गई चुनावी व्यवस्था का जायजा लेते हुए अधिकारियों को कुछ टिप्स भी दिए। दोनों आब्जर्वर भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। बैठक में जिलाधीश अश्विन मुदगल, अतिरिक्त जिलाधीश श्रीकांत फ़डके, उपजिलानिर्वाचन अधिकारी राजलक्ष्मी शाह व सहायक निरीक्षक उपस्थित थे।
खर्च की मियाद 70 लाख तक
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी 70 लाख तक खर्च कर सकता है। देखने में आया है कि प्रत्याशी करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद निर्वाचन कार्यालय में खर्च का ब्योरा 70 लाख के अंदर ही देता है। अब प्रत्याशियों के खर्च पर पैनी नजर रहेगी। प्रत्याशी अगर सार्वजनिक मंचों, पत्रिका या अन्य माध्यमों से वोट देने की अपील करता है तो उसे भी खर्च में जोड़ा जाएगा।
Created On :   20 March 2019 12:08 PM IST