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ठाकरे गुट का नया नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), शिंदे गुट बना बालासाहेबांची शिवसेना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे विवाद में शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज करने के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को दोनों खेमों को नए नाम अलॉट कर दिए है। इसमें आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एकनाथ शिंदे गुट को बालासाहेबांची शिवसेना नाम अलॉट कर दिया है। वहीं ठाकरे गुट को मशाल चुनाव चिन्ह मिला है। जबकि शिंदे गुट को उनके द्वारा दिए गए विकल्पों में फ्री सिंबल्स नहीं होने के कारण उन्हें नए सिरे से मंगलवार 10 बजे तक चुनाव चिन्ह के लिए तीन विकल्प पेश करने को कहा है।
चुनाव आयोग ने शनिवार के अपने अंतरिम आदेश में दोनों खेमों को फ्री सिंबल्स में से अपनी पसंद की पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के नामों के तीन विकल्प प्रस्तुत करने के लिए कहा था। उसके मुताबिक ठाकरे गुट ने पार्टी के नाम के लिए तीन विकल्प, जिसमें शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकार ठाकरे और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे सूझाए थे। जबकि त्रिशूल, मशाल और उगता सूरज चुनाव चिन्ह के लिए विकल्प प्रस्तुत किए थे। वहीं, शिंदे गुट की ओर से पार्टी के नाम के तौर पर बालासाहेबांची शिवसेना, बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना बालासाहेबांची यह तीन विकल्प आयोग को प्रस्तुत किए थे। जबकि चुनाव चिन्ह के लिए त्रिशूल, उगता सूरज और गदा यह तीन नाम प्रस्तुत किए थे।
चुनाव आयोग ने दोनों खेमों के विकल्पों पर विचार करने के बाद ठाकरे गुट को पार्टी का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अलॉट कर दिया है। वहीं शिंदे गुट को बालासाहेबांची शिवसेना नाम दे दिया। चुनाव चिन्ह की बात करें तो चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को त्रिशूल चिन्ह देने से इसलिए मना कर दिया है, क्योंकि यह एक धार्मिक चिन्ह है और शिंदे गुट ने भी इसे अपनी प्राथमिकता में रखा था। उगता सूरज चिन्ह देने से भी इंकार कर दिया है, क्योंकि यह चिन्ह द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी को पहले ही दिया जा चुका है। आयोग ने आदेश में कहा है कि मशाल चिन्ह भी फ्री सिंबल्स की सूची में नही होने के बावजूद इसे अलॉट किया जा रहा है। क्योंकि यह समता पार्टी का आरक्षित चिन्ह था, लेकिन उसकी 2004 में मान्यता रद्द कर दी गई है। आयोग ने गदा चिन्ह धार्मिक महत्व का होने और फ्री सिंबल्स की सूची में नहीं होने के कारण इसे शिंदे गुट को अलॉट करने से मना कर दिया और निर्देश दिए है कि वे मंगलवार तक नए चुनाव चिन्ह के तीन विकल्प पेश करें।
उधर ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले से पहले शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।। वहीं शिंदे गुट की ओर से भी मामले में केविएट दायर कर ठाकरे गुट की याचिका पर कोई फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष सुने जाने का हाईकोर्ट से अनुरोध किया है।
Created On :   10 Oct 2022 9:04 PM IST