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जून अंत तक संभावना, लेकिन बारिश सबसे बड़ा रोड़ा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश ने राज्य में महानगरपालिका और जिला परिषद चुनाव कराने राज्य सरकार को बाध्य कर दिया है। फिलहाल दो सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयोग को इस पर निर्णय लेने को कहा गया है। अभी तक मनपा निर्वाचन विभाग के पास इसके स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। विभाग का कहना है कि दो सप्ताह बाद चुनाव आयोग स्थिति स्पष्ट करेगा। दो सप्ताह बाद यदि चुनाव कार्यक्रम घोषित होते हैं, तो चुनाव जून अंत तक होने की संभावना है। हालांकि इस पर भी संकट के बादल हैं। तब बारिश की स्थिति रहेगी, ऐसे में चुनाव होंगे या नहीं? इस पर अभी से कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी माना जा रहा है।
किंतु-परंतु की स्थिति बरकरार : अधिकारियों के सामने भी चुनाव को लेकर किंतु-परंतु जैसे सवाल हैं। राज्य सरकार ने पहले तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति की घोषणा की थी। इस अनुसार प्रभाग रचना भी हुई। प्रभाग रचना पर आए आपत्ति-सुझाव पर सुनवाई भी हुई। प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी ने नागपुर में इस पर सुनवाई पूरी की। इस बीच ओबीसी आरक्षण का मामला और उलझने से राज्य सरकार ने ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण देने के लिए विधानमंडल में नया कानून पारित किया। इस अनुसार, स्थानीय निकाय के चुनाव कराने के अधिकार राज्य सरकार को मिल गए। यह अधिकार मिलने के बाद राज्य सरकार द्वारा पूर्व में घोषित तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति रद्द कर नए सिरे से प्रभाग पद्धति की रचना करने के निर्देश दिए थे। हालांकि प्रभाग पद्धति कितने सदस्यों की होगी, यह स्पष्ट नहीं किया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की तारीख घोषित करनी है। ऐसे में नई प्रभाग रचना कर उसकी प्रक्रिया पूरी करने में समय लगने की आशंका है। इस कारण अगर चुनाव होते हैं, तो तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव होने की संभावना जताई गई है। फिलहाल तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति में 52 प्रभाग होंगे। प्रत्येक प्रभाग में 3 नगरसेवक होंगे। कुल 156 नगरसेवक चुने जाएंगे। 31 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जनजाति और 78 महिला आरक्षित सीटें रहेंगी। अगर ओबीसी आरक्षण बिना चुनाव होते हैं तो ओबीसी आरक्षित 35 सीटें अब सामान्य वर्ग के लिए खुली रखी जाएगी।
पूर्व में घोषित प्रभाग रचना का कच्चा मसौदा ऐसा था : 1 फरवरी को तीन सदस्यीय प्रभाग रचना का मसौदा सार्वजनिक किया गया था। इसमें प्रभागों की गणना उत्तर से पूर्व, पूर्व से पश्चिम, पश्चिम से दक्षिण और फिर उत्तर के क्रम से की गई थी। इस अनुसार प्रत्येक विधानसभा में 7 से 8 प्रभाग होने का दावा किया गया है। एक-एक विधानसभा में 24 से 26 नगरसेवक हैं। फिलहाल 7 प्रभागों में अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंख्या समान अनुपात में दिखाई गई है। ऐसे में ये प्रभाग एससी और एसटी वर्ग के लिए आरक्षित होने का दावा पहले से किया गया है। हालांकि एक प्रभाग की ज्यादा से ज्यादा 51 हजार और कम से कम 41 हजार जनसंख्या रहेगी। कुल 52 प्रभाग रहेंगे। 156 नगरसेवक चुने जाएंगे। इसमें 31 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जनजाति और 78 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगी। 26 प्रभाग ऐसे होंगे, जिसमें 2-2 नगरसेविकाएं होंगी।
Created On :   5 May 2022 3:06 PM IST