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विधानपरिषद चुनाव की तैयारी, भाजपा को मिल सकती है चुनौती
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानपरिषद की नागपुर स्थानीय निकाय संस्था सीट के लिए चुनाव की हलचल शुरू हो गई है। प्रशासन ने मनपा, जिप व पंचायत समिति सदस्य के तौर पर मतदाताओं की सूची जुटाना शुरू कर दिया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने फिलहाल मतदान कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। फिर भी, राजनीतिक दल इस चुनाव को लेकर उत्साहित हैं। फिलहाल इस सीट से भाजपा के गिरीश व्यास विधानपरिषद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2015 में वे निर्विरोध चुनाव जीते थे। कांग्रेस के उम्मीदवार अशोकसिंह चव्हाण ने अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन इस बार भाजपा को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
नाम तय किए जाने का इंतजार
राजनीतिक जानकारों के अनुसार मनपा में भले की कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन जोड़-तोड़ की राजनीति के तहत भाजपा के कुछ सदस्यों का समर्थन पाया जा सकता है। जिला परिषद व पंचायत समितियों में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अधिक है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस चुनाव को लेकर भाजपा में ही अंदरूनी तौर पर सहमति नहीं बन पायी है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से उम्मीदवार का नाम तय किए जाने का इंतजार किया जा रहा है। भाजपा उम्मीदवार के तौर पर व्यास का दावा कायम रहेगा। वैसे भी व्यास ने अपने कार्यकाल के कार्यों की पुस्तिका तैयार की है। 12 नवंबर को उस पुस्तिका का विमोचन गडकरी व फडणवीस करेंगे। उम्मीद की जा सकती है कि, उस कार्यक्रम के दौरान भी उम्मीदवार के मामले में कोई संकेत मिल सकता है।
कुकरेजा का नाम चर्चा में
मनपा में स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे वीरेंद्र कुकरेजा का नाम भी भाजपा के संभावित उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में है। बताया जा रहा है कि, कुकरेजा से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस विषय पर चर्चा भी की है। पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की उम्मीद भी कम नहीं रहेगी। इससे पहले उनकी दावेदारी को दरकिनार कर भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके को विधानपरिषद सदस्य नियुक्त कराया गया था।
नेताओं की बावनकुले पर नजर
मंत्री रहते हुए अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के टिकट से वंचित रहे बावनकुले ने वरिष्ठ नेताओं के करीब रहने का भरसक प्रयास किया है। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के गृहक्षेत्र में वे संगठनात्मक कार्य के सिलसिले में लगातार जा रहे हैं। हालांकि, जिले में विविध चुनावों में भाजपा को मिल रही मात को लेकर बावनकुले की भूमिका पर भाजपा के ही कुछ नेताओं की नजर है। इससे पहले भाजपा के अशोक मानकर को कांग्रेस के राजेंद्र मुलक ने जिस तरह से पराजित किया था उसे देखकर कहा जा रहा है कि, इस चुनाव में दलीय बहुमत अधिक महत्व नहीं रखता है। भाजपा-कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच अंदरुनी समझ ही इस चुनाव का परिणाम तय करेगी।
Created On :   9 Nov 2021 2:21 PM IST