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आप हो सकते हैं ऑनलाइन ठगी का शिकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोराेना संक्रमण के दौरान साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों को अपना रहे है। लिंक, मैसेज और मोबाइल क्रमांक के माध्यम से नागरिकों के बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ऑनलाइन पैसे उड़ाए जा रहे हैं। महावितरण कंपनी के बिजली बिल भुगतान में भी ठगी का प्रयास हाे रहा है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान नागरिकों के मीटरों की रीडिंग नहीं हो पाई थी, जिसके बाद बिल को लेकर खासी परेशानी हुई थी। अब बिजली बिल का भुगतान प्रलंबित होने का डर बताकर नागरिकों को लूटने का प्रयास हो रहा है। महावितरण कंपनी ने बिजली के बकाए बिल को लेकर किसी भी तरह का मैसेज करने से इनकार किया है। इतना ही नहीं, किसी भी मैसेज के आधार पर बिलों का भुगतान करने की कोशिश करने से परहेज करने की हिदायत भी दी है।
नए-नए तरीके ठगी के : इधर, साइबर अपराधी अपने कारनामों को अंजाम देने के लिए लगातार नए तरीके अपना रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से नागरिकों को मोबाइल पर मैसेज भेजकर बिजली के बकाया बिल को भुगतान करने का निर्देश दिया जा रहा है। बिल का भुगतान नहीं होने पर बिजली काटने की धमकी भी दी जा रही है। इस समस्या से बचने के लिए संबंधित अभियंता के फर्जी मोबाइल क्रमांक को भी दिया जा रहा है। बिजली कट जाने के डर से नागरिक घबराकर मोबाइल पर संपर्क कर रहे हैं। इसके बाद तत्काल ऑनलाइन बिल का भुगतान करने के नाम पर नागरिकों के बैंक खाते समेत अन्य जानकारी को हासिल कर ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है। महावितरण कंपनी और शहर के साइबर पुलिस विभाग को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। दोनों विभागों ने नागरिकों से मामले की तत्काल जानकारी देने का आह्वान किया है।
ऐसे हो रही ठगी
नागरिकों को अनजान मोबाइल से मैसेज आता है। इस मैसेज में रात 9 बजे बिजली कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जाती है। पिछले माह के बिजली बिल का भुगतान और बिल अपडेट नहीं होना कारण बताया जाता है। नागरिकों को तत्काल बिजली विभाग के अधिकारी के मोबाइल क्रमांक 7810872586 से संपर्क करने की सूचना दी जाती है। इस मोबाइल पर संपर्क करने पर पुराने बिल की राशि को ऑनलाइन भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। बिल का भुगतान करने के लिए पेटीएम, एटीएम कार्ड के अलावा मैसेज, लिंक को चयन करने का निर्देश दिया जाता है। तीनों ही प्रकार में बगैर कोई पड़ताल के इस्तेमाल करने पर बैंक खातों की डिटेल्स साइबर ठगों को मिल जाती है। इस डिटेल्स के आधार पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा रही है।
महावितरण कंपनी नहीं देती मैसेज
अमित भुरे, विशेषज्ञ, साइबर सेल के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान वर्क फ्रॉम होम होने से कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल अधिक हो रहा है। सोशल मीडिया पर लॉगइन का समय बढ़ने को साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इनामी लालच के मैसेज के बाद अब महावितरण कंपनी के बिल भुगतान को ठगी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, युवाओं समेत करीब 50 से अधिक नागरिकों ने मैसेज को लेकर साइबर अपराध विभाग से संपर्क किया है। प्रलंबित बिजली बिल भुगतान के मैसेज को ओपन करने अथवा मोबाइल पर संपर्क करने से परहेज करना चाहिए। किसी भी प्रकार की ठगी का अंदेशा होने पर तत्काल साइबर सेल से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराना चाहिए
नागरिकों को लगातार मिल रहे मैसेज को लेकर महावितरण कंपनी भी हरकत में आ गई है। महावितरण कंपनी ने सोशल मीडिया अकाउंट से नागरिकों को सावधान रहने की हिदायत दी है। इसके साथ ही बिजली के बिल के भुगतान के लिए कोई भी मैसेज को भेजने से भी इनकार किया है। मैसेज के आने पर महावितरण कंपनी के टोल फ्री क्रमांक 1912 अथवा 180001023435 से संपर्क किया जा सकता है।
इनामी लालच के बाद अब नया फंडा : साइबर अपराधी नागरिकों को अब बिजली बिल के भुगतान के नाम पर लूटने का फंडा अपना रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान नागरिकों को आसानी से ठगने के लिए नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। इससे पहले मोबाइल कंपनी द्वारा इनामी ड्रॉ के नाम पर ठगी को अंजाम दिया जाता रहा है। मोबाइल कंपनियों के नाम से एसएमएस भेजकर इनाम का लालच देते हैं, जिसमें जिओ मोबाइल के प्रीपेड और पोस्टपेड यूजर्स को एसएमएस भेजकर लकी विजेता के तौर पर चयन होने की जानकारी दी जाती है। विजेता के रूप में पांच लाख रुपए नगद और एक लाख रुपए कीमत की पल्सर बाइक तक गिफ्ट देने का झांसा दिया जाता है। गिफ्ट को क्लेम करने के लिए मोबाइल नंबर 9171905816 पर संपर्क करने का निर्देश दिया जाता है। इस नंबर पर कॉल करने पर जिओ कंपनी के कर्मचारी के नाम पर मोबाइल पर एक लिंक भेजा जाता है। इस लिंक को खोलकर 600 रुपए का भुगतान करने पर इनाम की राशि खाते में भेजने का निर्देश दिया जाता है। इस डेबिट लिंक को खोलने और खाता क्रमांक डालने पर पैसे कटने शुरू हो जाते हैं।
Created On :   31 Jan 2022 4:34 PM IST