हाथियों ने पकड़ी वापसी छत्तीसगढ़ की राह - तीन चार जिलों में मचा रखा था उत्पात

Elephants caught back the way of Chhattisgarh - had created a disturbance in three four districts
हाथियों ने पकड़ी वापसी छत्तीसगढ़ की राह - तीन चार जिलों में मचा रखा था उत्पात
हाथियों ने पकड़ी वापसी छत्तीसगढ़ की राह - तीन चार जिलों में मचा रखा था उत्पात

डिजिटल डेस्क सिवनी । नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला में उत्पात मचाने के बाद अब दोनों हाथियों ने घर वापसी की राह पकड़ ली है जिसके बाद अब वनाधिकारियों ने चैन की सांस ली है। फिलहाल वन विभाग इन दोनों हाथियों को छेडऩे के मूड में नहीं है। विभाग मान कर चल रहा है कि हाथी वापस जा रहे हैं और संभवत: इस बार वे पिछली बार की तरह वापस नहीं लौटेंगे। हाथियों को पकडऩे वाले दल की बैठक 19 फरवरी को होनी है तब तक विभाग हाथियों के मूवमेंट पर ही नजर रखेगा। हाथियों के एक दो दिन में मंडला जिले की सीमा में प्रवेश कर जाने की उम्मीद है। 
फिलहाल नहीं पकड़े जाएगें हाथी 
वन विभाग ने हाथियों को पकडऩे के लिए रूपरेखा तैयार की थी लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है। दरअसल नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा वीआईपी विधानसभा सीट होने के कारण प्रशासन हरकत में आ गया था।  नरंिसहपुर से हाथियों ने छिंदवाड़ा जिले के हर्रई की ओर रूख किया था बाद में वे वापस आ गए। नरसिंहपुर में करोड़ों रुपए की फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद जब हाथियों ने मुख्यमंत्री के जिले का रूख किया था तो प्रशासन ने आनन-फानन में वन और पर्यावरण मंत्रालय से इन हाथियों को पकडऩे की अनुमति मांगी थी। यदि हाथी वापस नहीं लौटते तो इन्हें अब तक पकड़ लिया जाता क्योंकि केंद्र से अनुमति मिले एक पखवाड़े का समय हो चुका है। शुक्रवार को इन हाथियों की लोकेशन सिवनी जिले के गणेशगंज के आसपास थी। विभाग इन हाथियों के रास्ते में आने वाले ग्रामीणों को सतर्क कर रहा है कि वे बेवजह इन हाथियों के रास्ते में आने से बचें। 
एक दो दिन में मंडला जा सकता है हाथियों का जोड़ा
 हाथियों का यह जोड़ा सिवनी जिले के लखनादौन क्षेत्र के जोबा के आसपास था। रात में ही यह गणेशगंज पहुंच गया। यदि हाथियों की गति यही बनी रहती है तो एक दो दिन में वे मंडला जिले की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। 
वन्यजीवों में होता है वापसी का गुण
 वन्य प्राणियों के व्यवहार में नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि जानवरों में घर वापसी का गुण होता है। उनके मस्तिष्क में अपने परिवेश की जानकारी रहती है। यही कारण है कि पालतू पशु जैसे श्वान, गाय-बैल आदि भटकने के बाद फिर अपने घरों पर वापस आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाथियों के साथ है। वे अब वापस अपने घर लौट रहे हैं जहां से वे आए हैं। यदि ऐसा होता है तो यह नरंिसंहपुर, सिवनी और मंडला जिले के बाशिंदों के लिए राहत की बात होगी। वहीं किसानों के लिए चिंता की बात यह है कि कहीं हाथी फिर से वापस न लौट आएं जैसा कि पहले भी हुआ है। 
19 को करेंगे फैसला 
वन विभाग के द्वारा हाथियों को पकडऩे के लिए बनाए गए दल की बैठक 19 फरवरी को सिवनी में होने वाली है। इस बैठक में ही फैसला किया जाएगा कि हाथियों का क्या करना है। यदि हाथियों की घर वापसी की रफ्तार यही रहती है तो यह माना जा रहा है कि हाथियों को पकडऩे का प्लान ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। 
इनका कहना है, 
फिलहाल हाथी वापस लौट रहे हैं। शुक्रवार को उनकी लोके शन गणेशगंज के आसपास थी। आसपास के ग्रामीणों को इस मामले में सचेत कर दिया गया है। हाथियों को पकडऩे का फैसला 19 की बैठक में लिया जाएगा। 
अखिलेश मिश्रा, पशु चिकित्सक, पेंच नेशनल पार्क 

Created On :   15 Feb 2020 9:43 AM GMT

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