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शांति का संदेश लेकर 11 हजार किमी की यात्रा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। टूटते परिवार और नष्ट होते समाज के कारण पूरी दुनिया में बदलाव की जरूरत है। विश्व भर में शांति, न्याय, मानवता की जरूरत बढ़ गई है। यह विचार गांधी विचारक राजगोपाल पीवी ने व्यक्त किए। 2 अक्टूबर को दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि राजघाट से 11 हजार किमी की शांति यात्रा पर निकले राजगोपाल गुरुवार को नागपुर में थे। उन्होंने सदर चौक पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को माल्यार्पण किया। राजगोपाल जिनेवा के लिए निकली 50 शांतिप्रिय प्रतिनिधियों की शांतियात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
आदर्श से भटका समाज
राजगोपाल पीवी ने कहा कि समाज जिन आदर्शों पर स्थापित था, वे आज नजर नहीं आते। मानवता तो दूर, लोग परिवार बचाने का भी प्रयत्न नहीं करते हैं। हर इंसान अकेला और विक्षुब्ध नजर आता है। जीवन का उद्देश्य और लक्ष्य खो गए हैं। व्यक्ति बिखरा, परिवार टूटे और समाज नष्ट होता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य ऐसा अकेला प्राणी है, जिसके भीतर रावण से लेकर राम तक बनने का अवसर होता है। इसे दुर्भाग्य ही माना जाएगा कि आज इंसानियत को आतंकित करते अंगुलिमाल तो कदम-कदम पर मिल जाते हैं, लेकिन करुणा और मानवता की प्रतिमूर्ति बुद्ध कहीं नजर नहीं आते।
11 हजार किमी की यात्रा
राजगोपाल पीवी ने बताया कि शांति और न्याय का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए निकाली जा रही जय जगत-2020 विश्व शांतियात्रा 10 देशों से 11 हजार किलोमीटर का मार्ग तय कर 2 अक्टूबर 2020 को जिनेवा पहुंचेगी। संवाद पर विश्वास करने और अहिंसात्मक तरीके से काम करने वाले विश्व के तमाम शांतिप्रिय संगठन जिनेवा में जुटेंगे।
Created On :   17 Jan 2020 4:02 PM IST