जलसंकट से जूझता पन्ना, लोगों की आस अब केवल आसमान से

Emerald struggling with water crisis, peoples hope is now only from the sky
जलसंकट से जूझता पन्ना, लोगों की आस अब केवल आसमान से
पन्ना जलसंकट से जूझता पन्ना, लोगों की आस अब केवल आसमान से

डिजिटल डेस्क, पन्ना। मानसून की बेरूखी और सूख चुके तालाबों व अन्य जल स्त्रोतों में लगातार घटता जल स्तर शहरवासियो की चिंतायें दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है। शहर में स्थिति यह पहुंच चुकी है कई मोहल्लों में पेयजल सप्लाई एक-एक सप्ताह के अंतराल से हो रही है और जिन मोहल्लों में शासकीय बोरवेल है जोकि पाईप लाईनों से जुडे हुए हैं उनमें भी जल स्तर इतना नीचे पहुंच चुका है कि मोहल्ले के कुछ मात्र घरों को ही पानी नसीब हो रहा है शेष घर केवल पानी का इंतजार ही करते रहते हैं। स्थिति यह है कि चाहे वह मजदूर वर्ग हो या शासकीय कर्मचारी दिनभर कार्य करते हैं और पूरी रात जागकर पानी भर रहे हैं। रात-रातभर जागने से लोगों की दिनचर्या पर भी खासा असर पड रहा है। इन सबके बीच अभी तक प्रशासन द्वारा पेयजल हेतु वैकल्पिक व्यवस्था बनाने हेतु खुलकर कोई जानकारी लोगों के सामने नहीं लाई जा रही है। जिससे शनै-शनै लोगों का धैर्य भी अब जबाव देने लगा है।  
आषाढ की विदाई के वक्त भी मानसून गायब
जिले में मानसून की स्थिति कमजोर बनीं हुई है। आषाढ महीना के जब चार दिन ही शेष बचे हैं। आसमान से बादल गायब हो चुके हैं। जेठ जैसी दोपहरी का एहसास इस समय लोगों को हो रहा है। दिन में तेज धूप निकल रही है और यदा-कदा आसमान में बादलों में डेरा होता है परंतु पानी फुहारों तक ही सीमित है। जमीन पूरी तरह से सूखी हुई है, तालाबों में धूल उड रही है। यहां तक कि कुओं के पानी का स्तर जोकि आषाढ महीने में बढ जाता है वह भी घट गया है। तेज धूप निकलने की वजह से तापमान बढा हुआ है। पन्ना जिले में आज अधिकतम तापमान ३५ डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान २७ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश नहीं होने की वजह से गर्मी के साथ उमस पड रही है। जिससे लोगों को कूलर से भी राहत नहीं मिल रही है। लोगों का गर्मी और उमस की वजह से हाल-बेहाल है साथ ही साथ मौसम के प्रतिकूल होने की वजह से तरह-तरह की बीमारियों की भी लोग चपेट में आ रहे हैं। 
सूखे के बने आसार
बारिश की स्थिति जिले में काफी कमजोर बनीं हुई है। कुछ दिनों से तो बारिश पूरे जिले में पूरी तरह से थम गई है। जिसके चलते खरीफ की फसल में किसानों द्वारा जो फसलों की बुवाई कर दी गई उनके सूखने का खतरा बना हुआ है। पन्ना तहसील के हालात सबसे ज्यादा खराब है। पन्ना तहसील में ०१ मई से लेकर आज १२ जुलाई तक मात्र ९६.४ मिमी बारिश दर्ज हुई है। जिसके चलते तहसील क्षेत्र में ज्यादातर किसान खरीफ की बोवनी ही नहीं कर पाये हैं और अधिकांश किसानों के खेत सूखे रह गए हैं। बारिश में विलम्ब हो जाने की वजह से अब बोवनी की संभावना समाप्त हो गई है। 
चौबीस घण्टे में मात्र ०.४ मिमी औसत बारिश
भू-अभिलेख कार्यालय से बारिश के संबध में प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले चौबीस घण्टे के दौरान जिले में ०.४ मिमी औसत बारिश दर्ज हुई है। तहसील अनुसार अमानगंज तहसील में ३.२ मिमी बारिश पिछले चौबीस घण्टे के दौरान दर्ज की गई है। शेष तहसीलों, पन्ना, गुनौर, देवेन्द्रगर, पवई, सिमरिया, शाहनगर, रैपुरा और अजयगढ में बारिश नहीं हुई है। जिले में ०१ जून २०२२ से अभी तक कुल १८०.३ मिमी औसम बारिश हुई है। अब तक हुई कुल बारिश तहसील अनुसार पन्ना में ९६.४ मिमी, देवेन्द्रनगर में २५७.३ मिमी, गुनौर में १५५ मिमी, अमानगंज में २२४.८ मिमी, पवई में ३०१ मिमी, सिमरिया में १०६.७ मिमी, शाहनगर में १५९.३ मिमी, रैपुरा में २०७.३ मिमी, अजयगढ तहसील में ११५ मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। 

Created On :   13 July 2022 9:06 AM GMT

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