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110 करोड़ वसूलने कर्मचारी फिल्ड में, नहीं मिला अब तक का डाटा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण ने सितंबर-2019 से एसएनडीएस से तीन विभागों का काम अपने हाथ में लेने के बाद 100 फीसदी वसूली का लक्ष्य रखा। बकाया बिल की वसूली को प्राथमिकता से लेते हुए कर्मचारियों को फिल्ड में उतारा गया। 118 करोड़ की वसूली में कितनी वसूली हुई, इसका डाटा सामने नहीं आया, लेकिन वसूली के चक्कर में कर्मचारियों की जान आफत में फंस गई है। जान जोखिम में डालकर काम कर रहे कर्मचारियों को अब तक पुलिस बंदोबस्त नहीं मिल सका है।
वरिष्ठ अधिकारी आश्वासनों की खुराक देकर कर्मचारियों से काम ले रहे हैं। महावितरण ने गांधीबाग, सिविल लाइंस व महल विभाग की जिम्मेदारी एसएनडीएल से अपने हाथ में ली, उस वक्त करीब 100 करोड़ के बकाया बिल थे। समय के साथ बकाया बिल की राशि बढ़कर 118 करोड़ हो गई। मुख्य अभियंता दिलीप घुगल ने अधिकारी-कर्मचारियों को सौ फीसदी वसूली का लक्ष्य दिया। प्राथमिकता से बकाया बिल की वसूली का फरमान सुनाया। वसूली में लगे कर्मचारियों की पिटाई जारी है। मुख्य अभियंता की तरफ से सफाई दी गई कि महावितरण कर्मचारियों के साथ है और जहां जरूरत है, वहां पेड बंदोबस्त लिया जाएगा। इसके बाद भी कर्मचारी पिटते रहे और पुलिस बंदोबस्त का वादा केवल वादा ही बना रहा।
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रेगुलर विषय है
बकाया बिल की वसूली रेगुलर विषय है। एसएनडीएल से जो तीन डिवीजन लिए, उसमें से गांधीबाग विभाग में मारपीट की घटनाएं ज्यादा हो रही है। तय एरिया में ही यह घटनाएं हो रही है।
-अजित इगतपुरकर, जनसंपर्क अधिकारी, महावितरण नागपुर.
रिकार्ड मेरे पास नहीं
बकाया बिल की वसूली थोड़ी-थोड़ी हो रही है। घटनाएं ही ज्यादा हो रही है। बकाया बिल की कितनी वसूली हुई, इसकी जानकारी अधीक्षक अभियंता दे सकते है। वसूली का रिकार्ड मेरे पास नहीं है।
-दिलीप घुगल, मुख्य अभियंता, महावितरण नागपुर.
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बड़े बकाएदारों की स्थिति स्पष्ट नहीं
बकाया बिलों की वसूली कितनी हुई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जिन पर हजारों रुपए बिल बकाया है, वहां तो कर्मचारी भेजे जा रहे हैं, लेकिन जिन पर लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया है, वहां की स्थिति कोई स्पष्ट नहीं कर रहा। बड़े बकायदारांे से वसूली की विशेष रणनीति का भी पता नहीं चल पा रहा है। बड़े बकायदार भुगतान करे, तो कुल बकाया की 50 फीसदी निधि महावितरण के खाते में आ जाएगी।
Created On :   15 Feb 2020 2:03 PM IST