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व्यापारियों ने अनलाँक किया पूरा बाजार - मुख्य बाजार में पुलिस का कड़ा पहरा , व्यापारियों और प्रशासन के बीच बैठकों का दौर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । 52 दिनों के बाद शहर 1 जून को अनलॉक हुआ किंतु बाजार खोलने को लेकर चल रहे विरोधाभाष के कारण आज जहां व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया वहीं लगभग पूरे शहर का बाजार खुला रहा । मुख्य बाजार कहलाने वाला बड़ा फुहारा जवाहरगंज क्षेत्र में पुलिस का कड़ा पहरा रहा किंतु दुकानें खुली रहीं बाजार में दूसरी तरफ लगातार व्यपारियाों की मीटिंग का दौर जारी है व्यापारी और प्रशासनिक अधिकारी चर्चा में मंडी में जुटे रहे । मंडी में अनाज की तुलाइ चालू हो गई है और सदर बाजार में व्यापारियों ने शराब दुकान के बाहर प्रदर्शन किया व्यापारियों का कहना था कि जब बाजार बंद है वह शराब दुकान क्यों खुली है ।
घंटों बनती रही रणनीति, कई दौर की बैठकें पर सब बेनतीजा
कल बाजार और सड़कों पर रोज की अपेक्षा ज्यादा भीड़ भी नजर आई। लेकिन अनलॉक का हॉट स्पॉट रहा बड़ा फुहारा क्षेत्र यहाँ सुबह-सुबह व्यापारियों ने दुकानें खोल लीं। जैसे ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुँचे तभी तनाव की स्थिति बनने लगी। व्यापारियों का कहना रहा कि पूरा शहर अनलॉक हो रहा है तो उनके साथ भेदभाव क्यों.? इसके बाद पक्ष-विपक्ष दोनों पार्टियों के राजनेता भी पहुँच गए। कई दौर की वार्ता चली लेकिन प्रशासन और व्यापारी अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। इस बीच व्यापारिक संगठनों ने संकेत दिए हैं कि बुधवार से लार्डगंज, सराफा, बड़ा फुहारा जैसे घनी आबादी वाले बाजार खोले जाएंगे । जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे मंगलवार की सुबह ठीक वैसी ही स्थिति बनी। लार्डगंज, सराफा, मुकादमगंज, बड़ा-छोटा फुहारा, अंधेरदेव जैसे जिन क्षेत्रों को प्रतिबंध से ढील नहीं दी गई थी वे खुद-ब-खुद अनलॉक हो गए। खबर लगते ही बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुँचकर दुकानें बंद कराने लगे। बड़ा फुहारा में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ाते हुए व्यापारियों की भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी कर कार्यवाही का विरोध होने लगा। इसी दौरान पूर्व मंत्री शरद जैन तथा कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना सहित अन्य नेता पहुँच गए। दोपहर तकरीबन १२ बजे से रात 10.30 बजे तक कई दौर की चर्चा हुई लेकिन संतुलन की स्थिति नहीं बन पाई।
व्यापारियों का दर्द
* व्यापारियों का कहना रहा कि पूरे साल में तीन-चार महीने ही कारोबार के होते हैं। दो माह लॉकडाउन में निकल गए। संक्रमण के कंट्रोल होने पर शहर खोला जा रहा है तो उन्हें भी रियायत देनी चाहिए।
* संगठन के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि प्रशासन और पुलिस लगातार निगरानी रख सकते हैं, अगर प्रोटोकॉल की अनदेखी की जाती है तो सख्त कार्रवाई का भी स्वागत किया जाएगा।
* बारिश के लिए चंद दिन ही बचे हैं। कर्मचारियों के आगे जीविका का संकट खड़ा होने लगा है। ऐसे में एक ही रास्ता बचता है कि हमेशा के लिए व्यापार बंद कर चाबियाँ कलेक्ट्रेट में सौंप दी जाए।
* व्यापारियों ने कहा कि संक्रमण अकेले इन क्षेत्रों में नहीं बढ़ता है इसके बावजूद भरोसा दिलाया गया कि शहर में अप्रिय स्थिति बनती है तो कारोबारी स्वेच्छा से प्रशासन का साथ देने तैयार रहेंगे।
तर्क - संक्रमण रोकने के लिए मुख्य बाजार किया बंद
* प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि मुख्य बाजार खोले जाते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का आना-जाना होगा। बाजार में ज्यादा भीड़ बढ़ेगी और संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा।
* उनका यह भी कहना रहा कि प्रतिबंध एक सप्ताह के लिए लगाया गया है। स्थिति सामान्य होने के साथ ही इन क्षेत्रों में भी व्यापार की छूट दी जाएगी। संक्रमण अभी भी बरकरार है। प्रतिदिन ८० से अधिक केस आ रहे हैं।
आसपास के बाकी क्षेत्र खुले रहे
प्रतिबंधित क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो बाकी शहर अनलॉक रहा। गढ़ा, यादव कॉलोनी, रांझी, ग्वारीघाट, बिलहरी, मेडिकल में तकरीबन सभी प्रतिष्ठान खुले रहे। इसी तरह कॉलोनी और गली-मोहल्ले में विभिन्न प्रकार की दुकानें भी खुली रहीं। आदेश को लेकर दिन भर भ्रम की स्थिति रही। दूसरी तरफ गोरखपुर, सदर के बाजार भी खुल गए लेकिन तहसीलदारों ने मोर्चा संभालते हुए बाजार बंद कराए।
Created On :   2 Jun 2021 2:06 PM IST