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ताडोबा में 1 जुलाई से नहीं मिलेगी इन्ट्री, अक्टूबर में खुलेगा टूरिस्टों के लिए
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बाघों के लिए प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प मानसून के चलते 1 जुलाई से बंद रखा जाएगा। इस बीच 30 जून को में ताडोबा में पर्यटकों की भारी भीड़ रही। बीच में बारिश के आने के बाद एक कैन्टर (खुली बस) सड़क के बीच फंस गई थी। जिसके कारण आगमी दिनों में पर्यटन के लिए ताडोबा बंद किया जा रहा है। ताडोबा सूत्रों ने बताया कि 1 जुलाई से 30 सितंबर तक ताडोबा बंद रखा जानेवाला है।
अक्टूबर में पुन: शुरू होगा ताड़ोबा
अक्टूबर के पहले सप्ताह में ताडोबा को पुन: शुरू किया जाएगा। राज्य के दक्षिण पूर्व में स्थित चंद्रपुर जिले में ताडोबा राष्ट्रीय अभ्यारण्य है। जो 1955 में बना। उस समय उसका क्षेत्रफल 116.55 स्वे.किमी था। 40 साल बाद 625.40 स्वे.किमी में ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना (टीएटीआर) बनी। विशिष्ट प्रकार के जंगल तथा बाघों के केंद्र के रूप में ताडोबा की लोकप्रियता है। यहां पर बाघ, तेंदुआ समेत 21 प्रजाति के वन्यजीव पाए जाते हैं, लेकिन ताडोबा का मुख्य आकर्षण बाघ ही है। इसलिए हर वर्ष हजारों की संख्या में राज्य ही नहीं देश-विदेश से पर्यटक यहां आते हैं।
इस वर्ष अधिकांश समय ताडोबा में पर्यटकों की संख्या हाऊसफुल ही रही। मानसून के शुरू होने के बाद ताडोबा को बंद रखने का निर्णय वरिष्ठ स्तर पर लिया गया है। बता दें कि बारिश के मौसम में हर वर्ष पर्यटन को बंद रखा जाता है। इस बीच यहां पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं रहती है।
उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्ध ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प में देश-विदेश से बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं। यहां बाघों का कुनबा कई बार लोगों ने एक साथ देखा है। बाघों को देखने की लालसा में लोग यहां आने के बाद दो-दो , तीन-तीन दिन ठहरते हैं और जंगल सफारी का आनंद लेते हैं। बाघों के अलावा तेंदुआ, हिरण सहित वन्यजीव विचरण करते दिखाई देते हैं। बारिश के दिनों में जंगल में घूमना खतरे से खाली नहीं रहता इसलिए फारेस्ट विभाग द्वारा बारिश के दिनों में जंगलों में पर्यटकों का प्रवेश रोक दिया जाता है।
Created On :   30 Jun 2018 10:50 AM GMT