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हाईकोर्ट ने कहा - केंद्र और राज्य विवाद सुलझाए, गतिरोध भूलकर करें नई शुरुआत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेट्रो कारशेड की जगह को लेकर जारी तकरार को देखते हुए बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को कहा है कि वे अपने अतीत के तनावपूर्ण मतभेदों को भूलकर अदालत के बाहर मामले को सुलाझाएं। और एक समझौते पर पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आप(केंद्र-राज्य) अतीत की बातं को भूल जाइए और सारे गतिरोध खत्म करके नई शुरुआत कीजिए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि कारशेड की जगह के मुद्दे को लेकर आपसी समहती से सुलझाए और यह देखे की कारशेड के लिए कौन सी जगह उपयुक्त है और उसे किसी जगह स्थनांतरित किया जाना चाहिए। पहले यह कारशेड आरे कालोनी में बनने वाला था। चूंकि आरे कालोनी के एक हिस्से को वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसलिए अब कारशेड को कांजुरमार्ग में स्थनांतरित किया गया है। खंडपीठ ने कहा कि सरकार के प्राधिकरण इस बात का ध्यान रखे की याचिका से संबंधित मामला नागरिकों व सार्वजनिक निधि से जुड़ा है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि कारशेड को लेकर कुछ तकनीकि मुद्दे उपस्थित हुए थे। इसके मद्देनजर अदालत ने कारशेड से जुड़े प्रोजेक्ट पर रोक लगाई थी। इस पर खंडपीठ ने श्री सिंह से कहा कि हम जानते है कि क्या हो रहा है लेकिन हम सब यहां जनता की सेवा के लिए है। निजी मतभेद कोर्ट में क्यों लाए जा रहे है। आखिर केंद्र व राज्य सरकार अपने मुद्दे व मतभेदों को कोर्ट के बाहर क्यों नहीं सुलझाती है। खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार का जोर है कि कारशेड आरेकालोनी में बने। जैसा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तय किया था। किंतु मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार कारशेड कांजुरमार्ग में बनाने की इच्छुक है। क्योंकि आरे कालोनी का कुछ हिस्स वन क्षेत्र के रुप में अधिसूचित है। खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी संबंधित लोगों को एक सप्ताह के भीतर समाधान निकालने को कहा है। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 10 जून को रखी है।
Created On :   7 April 2022 9:15 PM IST