160 करोड़ भी नहीं भर पाए सड़कों के गड्ढे

Even 160 crores could not fill the potholes of the roads
160 करोड़ भी नहीं भर पाए सड़कों के गड्ढे
160 करोड़ भी नहीं भर पाए सड़कों के गड्ढे 160 करोड़ भी नहीं भर पाए सड़कों के गड्ढे

बारिश के इस सीजन में कई इलाकों से निकलना दुष्कर हुआ, क्वॉलिटी से समझौते का नतीजा, जिस सड़क को 3 साल पहले बनाया उसी को फिर से बनाने की नौबत, एक दशक में कुछ नहीं सीखा जिम्मेदारों ने
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। शहर में नाले और सीवर लाइन के निर्माण में जिस तरह अरबों रुपए की राशि खर्च की गई ठीक उसी तरह बीते एक दशक में सड़कों के निर्माण और मरम्मत में 160 करोड़  से अधिक रुपए खर्च किया गए, लेकिन जनता के नसीब में सिर्फ और सिर्फ गड्ढे ही हैं। व्यावसायिक इलाके या नई बसाहट वाले क्षेत्र सभी जगहों पर बारिश और खराब सड़कों के कारण लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।गुणवत्ताहीन निर्माण और बिना प्लानिंग के बनने वाली ऐसी सड़कों से गुजरते हुए शहरवासी के पास नगर निगम अधिकारियों को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। शहर में इस समय दो दर्जन से अधिक सड़कें हैं जिनमें तुरंत सुधार की जरूरत है। इनमें चलने के दौरान गड्ढों के बीच सड़क को तलाशना पड़ रहा है। बरसात के सीजन में लोगों के लिए मुसीबत बनी सड़कों को लेकर नगर निगम ईई आरके गुप्ता कहते हैं कि जहाँ पर अभी सड़कें ज्यादा खराब हैं उनको बारिश के तुरंत बाद सुधारा जाएगा और जो सड़क गारण्टी पीरियड में है उनमें लगातार मरम्मत भी की जा रही है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ये कैसा स्मार्ट वर्क
गोलबाजार में बीते कई महीनों से किनारे के हिस्से में नाली का निर्माण किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट है। अभी  हाल ये है कि नाली की मिट्टी पूरी सड़क पर मोटी परत के साथ लिपट गई है और जैसे ही थोड़ी सी रिमझिम बरसात होती है तो वाहन चालक इस मार्ग पर फिसलकर गिरते हैं। अधिकारी मॉनीटरिंग नहीं कर रहे, खामियाजा जनता भुगत रही है। 
गुणवत्ताहीन सड़कों की परतें उधड़ीं 
शहर में करीब एक दर्जन से अधिक सड़कें बीते 10 सालों में गुणवत्ताहीन निर्माण की वजह से चलने लायक नहीं बची हैं। इन सड़कों पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं और कुछ सड़कों की ऊपरी सीलकोट उधड़ गई है। शाहनाला से मेडिकल तक गिट्टियाँ उभरीं हैं। वहीं आनंद कुंज से गढ़ा बाजार, पण्डा की मढिय़ा से पुरवा तक की सड़क भी चलने योग्य नहीं बची है। बल्देवबाग से दमोहनाका तक दोनों हिस्से और रानीताल से गढ़ा फाटक तक सड़कों से कुछ माह में ही ऊपरी परत गायब हो गई है।
 

Created On :   9 Aug 2021 2:21 PM IST

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