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44 दिन बाद भी नहीं सुलझा जब्त 8 लाख की धान का मामला, जांच के नाम पर की गई खानापूर्ति
डिजिटल डेस्क,शहडोल। प्रदेश में चल रहे पोषण आहार घोटाले के बीच धनपुरी पुलिस द्वारा बीते 7 अगस्त को जब्त किए गए आठ लाख रुपए की दो ट्रक जब्त धान का मामला 40 दिन बाद भी अनसुलझा है। शुरुआती जांच के दौरान यह साबित होने के बाद कि दोनों ट्रकों में लोड माल खन्नौधी क्षेत्र के खरीदी केंद्र का शासकीय धान है, इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा अभी तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकी है। यह मामला प्रशासन के लिए गले की फांस बन चुकी है।
मामले में लीपापोती के भरसक प्रयास हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति विभाग, जिला आपूर्ति विभाग और बुढ़ार मंडी कार्यालय तीनों की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। जिस गोदाम से मिलिंग के उठाव होना दर्शाया गया, वह दो ट्रक धान धनपुरी पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस द्वारा जांच की बजाय कलेक्टर के पास इश्तगाशा भेज दिया गया। जिनके निर्देश पर नान व खाद्य अधिकारी ने जांच की।
जिसमें जब्त धान सरकारी बताया गया, लेकिन कैसे बाहर आया, बताने में नाकाम रहे। वहीं मंडी बुढ़ार ने केशवाही के जिस व्यापारी के नाम उक्त धान परिवहन की अनुज्ञा बनाई गई, इसकी जांच नहीं की गई। पता चला है कि गोदाम से उठाव से लेकर मिलिंग संबंधी दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं, परंतु जब्त धान के बारे में किसी प्रकार की जांच नहीं कराई जा रही है। यह मामला अभी भी रहस्य बना हुआ है।
Created On :   21 Sept 2022 3:27 PM IST