हर जिले को किले- मंदिर-संरक्षित स्मारकों के संवर्धन के लिए मिलेगी 3 प्रतिशत निधि

Every district will get 3 percent fund for the promotion of fort-temple-protected monuments
हर जिले को किले- मंदिर-संरक्षित स्मारकों के संवर्धन के लिए मिलेगी 3 प्रतिशत निधि
प्रावधान हर जिले को किले- मंदिर-संरक्षित स्मारकों के संवर्धन के लिए मिलेगी 3 प्रतिशत निधि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के किले, मंदिर और महत्वपूर्ण संरक्षित स्माारकों के संवर्धन के लिए आर्थिक वर्ष 2023-24 से जिला वार्षिक योजना विकास समिति (डीपीडीसी) में 3 प्रतिशत निधि का प्रावधान किया जाएगा। इससे अगले साल से किले, मंदिर और संरक्षित स्माशरकों के संवर्धन के काम के लिए डीपीडीसी की 3 प्रतिशत निधि का इस्तेमाल किया जा सकेगा। बुधवार को राज्य सरकार के नियोजन विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। जिसके जरिए आर्थिक वर्ष 2023-24 से डीपीडीसी में 3 प्रतिशत निधि का प्रावधान करने को मान्यता दी गई है। राज्य के सांस्कृडतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अगले तीन सालों में एक हजार करोड़ रुपए उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के सांस्कृातिक कार्य विभाग ने पुरातत्वक व वस्तुश संग्रहाल निदेशालय के माध्यम से 387 संरक्षित स्मारक घोषित किया है। जिसमें राजगड, सिंहगड, माणिकगड किले, उस्मानाबाद का श्री तुलाजाभवानी मंदिर, लोकमान्य  तिलक, वीर सावरकर जैसे महापुरुषों का जन्मस्थल, गेट वे ऑफ इंडिया का समावेश है। राज्य सरकार की योजनाओं में सभी संरक्षित स्मारकों के संवर्धन के लिए निधि कम उपलब्ध हो पा रही थी। मगर अब डीपीडीसी की निधि मिलने से स्मारकों के संरक्षण के कामों को गति मिले सकेगी। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के अजिंठा-वेरुल की गुफाएं, छत्रपति शिवाजी महाराज के समय बनाए गए रायगड व सिंधुदुर्ग के किले, गडचिरोली के श्री मार्कंडेय, नाशिक के श्री त्र्यंबकेश्वुर मंदिरे, चंद्रपुर व बल्लारपुर के किले आदि का संरक्षण किया जा सकेगा। मुनगंटीवार ने बताया कि राज्य में 288 स्मारकों का सरंक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से किया जाता है। 

Created On :   15 Dec 2022 5:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story