जारी हुआ परिपत्र, जिलाधिकारी-मनपा आयुक्त लेंगे अंतिम फैसला 

Examination of Classes 8th to 12th will start from August 17th
जारी हुआ परिपत्र, जिलाधिकारी-मनपा आयुक्त लेंगे अंतिम फैसला 
17 अगस्त से शुरु होंगी 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं जारी हुआ परिपत्र, जिलाधिकारी-मनपा आयुक्त लेंगे अंतिम फैसला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए ग्रामीण इलाकों में 5 वीं से 7 वीं तक और शहरी इलाकों में 8 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं 17 अगस्त से शुरू की जा सकेंगी। जबकि कोविड मुक्त ग्रामीण इलाकों में 8 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं पहले से शुरू हैं। मंगलवार को राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने कक्षाएं शुरू करने की अनुमति के बारे में परिपत्र जारी किया है। सरकार ने कोविड के ज्यादा प्रभाव वाले अहमदनगर, बीड़, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, सोलापुर, पुणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, रायगड, पालघर और अन्य जिलों में कोरोना की स्थिति के आधार पर स्कूल शुरू करने का फैसला लेने के लिए संबंधित जिलाधिकारी को प्राधिकृत किया है। जबकि मुंबई, मुंबई उपनगर, ठाणे शहर में कोरोना की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूल शुरू करने का फैसला लेने के लिए संबधित मनपा आयुक्त को प्राधिकृत किया गया है। मनपा क्षेत्रों में स्कूल शुरू करने के लिए मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में 4 सदस्यों की समिति गठित करनी होगी। नगर पंचायत, नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर स्कूल खोलने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यों की समिति का गठन करना पड़ेगा। स्कूल के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 48 घंटे पहले का कोरोना आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट स्कूल प्रबंधन के पास जमा करना होगा। स्कूल शुरू करने से पहले शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का कोरोना का टीकाकरण आवश्यक होगा। 

अनिवार्य नहीं होगी छात्रों की उपस्थिति 

स्कूल प्रबंधन समिति को विद्यार्थियों के स्कूल में उपस्थित रहने से पहले उनके अभिभावकों की सहमति लेनी होगी। स्कूल में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी बल्कि अभिभावकों की सहमति पर निर्भर होगी। स्कूल की कक्षाओं में एक बेंच पर एक विद्यार्थी के अनुसार बैठक व्यवस्था करनी होगी। दो बेंच के बीच 6 फूट का अंतर रखना होगा। एक कक्षा में अधिक से अधिक 15 से 20 विद्यार्थियों को बिठाया जा सकेगा। स्कूलों को दो सत्रों में आयोजित करना होगा। प्रत्यक्ष कक्षाओं में विद्यार्थियों को 3 से 4 घंटे से अधिक नहीं पढ़ाया जा सकेगा। विद्यार्थियों को भोजन के लिए छुट्टी नहीं दी जाएगी। स्कूलों में विद्यार्थियों, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। स्कूल प्रबंधन समिति को बच्चों को कक्षाओं में आने को लेकर प्रेरित करने के लिए ‘चलो बच्चों, स्कूल चलें’ अभियान चलाना होगा। जिन जगहों पर परिवहन सुविधा का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे स्कूलों के मुख्याध्यपकों के नियंत्रण में विद्यार्थियों के सुरक्षा के लिए परिवहन प्रारूप तैयार करना होगा। स्कूल बस और कार की खिड़की खुली रखनी होगी। 

निजी वाहनों से बच्चों को स्कूल पहुंचाएं

अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि संभव हो तो व्यक्तिगत वाहनों से बच्चों को स्कूल छोड़ें। स्कूलों में भीड़ को टालने के लिए स्नेह सम्मेलन, सामूहिक पठन जैसे कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। शिक्षकों और अभिभावकों की बैठक ऑनलाइन आयोजित करनी होगी। इसके पहले पुणे के राज्य शैक्षणिक व संशोधन परिषद के 9 से 12 जुलाई के सर्वे में 81.18 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए तैयार नजर आए थे।  

Created On :   10 Aug 2021 6:37 PM IST

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