फिर शुरु हुई कोंकण में ग्रीन रिफायनरी परियोजना लगाने की कवायद

Exercise to set up a green refinery project in Konkan has started again
फिर शुरु हुई कोंकण में ग्रीन रिफायनरी परियोजना लगाने की कवायद
रत्नागिरी फिर शुरु हुई कोंकण में ग्रीन रिफायनरी परियोजना लगाने की कवायद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस जैसी बड़ी परियोजना गंवाने के बाद प्रदेश की शिंदे सरकार अब रत्नागिरी के बारसू गांव में ग्रीन रिफायनरी परियोजना लगाने के लिए तैयारी तेज कर दी है।मंगलवार को मंत्रालय में प्रदेश के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने रिफायनरी परियोजना को लेकर जनप्रतिनिधियों और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) के अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राजापुर सीट से विधायक राजन सालवी भी मौजूद थे लेकिन उद्धव ठाकरे गुट के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से सांसद विनायक राऊत बैठक में नहीं आए। शिवसेना विधायक सालवी रिफायनरी परियोजना लगाने के समर्थन में हैं। जबकि शिवसेना सांसद राऊत इस परियोजना के विरोध में हैं। इससे परियोजना को लेकर शिवसेना के स्थानीय विधायक और सांसद की भूमिका में मतभेद नजर आ रहा है। सामंत ने कहा कि शिवसेना विधायक सालवी की ओर से दिए गए पत्र के आधार पर बैठक बुलाई गई थी। सालवी ने इस परियोजना के लिए समर्थन दिया है पर सांसद राऊत का कहना है कि स्थानीय लोग परियोजना के खिलाफ हैं। इसलिए वे परियोजना का विरोध कर रहे हैं। लेकिन मेरा उनसे सवाल है कि इस परियोजना का विरोध शिवसेना (उद्धव) की अधिकृत भूमिका है क्या? क्योंकितत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रिफायनरी परियोजना लगाने के लिए जनवरी 2020 में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।सामंत ने कहा कि रिफायनरी परियोजना 2 लाख करोड़ रुपए की है। इसपरियोजनाके माध्यम से लगभग एक लाख रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना के लिए 6 हजार 200 एकड़ जमीन की जरुरत होगी। जिसमें से 2 हजार 900 एकड़ भूमि देने के लिए जमीन मालिकों ने सहमति दी है।परियोजना के लिए कोयना बांध से पानी पहुंचाया जाएगा।किसानों को विश्वास में लेकर रिफायनरी परियोजना लगाई जाएगी। सामंत ने स्पष्ट किया कि रिफायनरी परियोजना के लिए शिवणे और देवाचे गोटणे गांव की जमीन अधिग्रहित नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व की भाजपा सरकार के समय रिफायनरी परियोजना को नाणार गांव में लगाया जाने वाला था। लेकिन तब भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल शिवसेना के विरोध के चलते परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। 

पहले बारसू गांव के लोगों की सहमती लें मंत्री सामंत- राऊत

दूसरी ओर शिवसेना सांसद विनायक राऊत ने बुलढाणा में कहा कि मंत्री सामंत को विधायक और सांसद की बैठक बुलाने से पहले बारसू गांव के लोगों के साथ चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों का तीव्र विरोध है। राजापुर की 6 ग्राम पंचायतों में इस परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ है। हमारा रिश्ता स्थानीय लोगों से है। हम आखिरी दम तक उनका ही पक्ष लेंगे। राऊत ने कहा कि शिंदे सरकार के सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र सेपांच परियोजनाएं गुजरात जा चूकी हैं। 

Created On :   22 Nov 2022 10:13 PM IST

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