विशेषज्ञों की राय - ग्राम पंचायत चुनावों की वजह से बढ़े कोरोना के मामले, निकले थे रैलियां और जुलूस

Experts - Corona cases increased due to gram panchayat elections, rallies and processions were out
विशेषज्ञों की राय - ग्राम पंचायत चुनावों की वजह से बढ़े कोरोना के मामले, निकले थे रैलियां और जुलूस
विशेषज्ञों की राय - ग्राम पंचायत चुनावों की वजह से बढ़े कोरोना के मामले, निकले थे रैलियां और जुलूस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण हाल ही में राज्य में हुए पंचायत चुनाव हैं। विशेषज्ञों की माने तो इस साल जनवरी में ग्राम पंचायत के हुए चुनाव और आम लोगों के साथ नेताओं द्वारा कोविड-19 से जुड़े नियमों के पालन में बरती ढिलाई के चलते यह समस्या बढ़ी है। राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 15,817 नए मामले सामने आए जो कि 2021 में सबसे ज्यादा मामले हैं। शुक्रवार को संक्रमितों की कुल संख्या 22,82,191 हो गयी। मुंबई, पुणे और ठाणे ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके समेत विभिन्न शहरों और नगरों में मामले बढ़े हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के कई शहरों और जिलों में लॉकडाउन या विभिन्न पाबंदी लगायी गयी है। महाराष्ट्र में 21 फरवरी को संक्रमितों की संख्या 21 लाख के पार हो गयी थी। ठीक एक महीने पहले (21 जनवरी को) संक्रमण के 20,00,878 मामले थे। राज्य में छह मार्च को संक्रमितों की संख्या 22,08,586 हो गयी।                

कोविड-19 प्रबंधन पर महाराष्ट्र सरकार के सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि लोगों की सघन जांच होनी चाहिए और संक्रमितों के संपर्क का पता लगाना चाहिए। संक्रमण की रोकथाम के लिए ये दो बुनियादी चीजें हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति का जल्द पता लगाया जाए और उसे क्वारेंटाईन में भेजा जाए। जितनी जल्दी से यह काम होगा स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्य जनवरी में ग्राम पंचायत के दौरान जमावड़ा बढ़ने की वजह से फरवरी में कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे। सालुंके ने कहा-जनवरी के तीसरे सप्ताह में 12,000 गांवों के ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम आए थे। इसके बाद जीतने वाले उम्मीदवारों ने अपने-अपने गांव में जमावड़ा किया और इस दौरान मास्क पहनने और सामजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन नहीं हुआ। मुंबई के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘‘जनवरी और फरवरी में राजनीतिक दलों ने रैलियां की। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख के तौर पर नाना पटोले की नियुक्त के बाद भी बड़ी रैली की गयी थी।’’ उन्होंने कहा कि पटोले ने मुंबई में बड़ी रैली की थी और वह नागपुर समेत कई स्थानों पर गए थे जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने मास्क पहनने और उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया। इसी तरह तत्कालीन वन मंत्री संजय राठौड़ ने वासिम और यवतमाल जिलों में शक्ति प्रदर्शन किया था। पटोले और राठोड़ इस तरह के जमावड़ा से बच सकते थे लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।


ऊंची इमारतों में रहने वाले हो रहे ज्यादा संक्रमित

मुंबई में बीते जनवरी व फरवरी महीने में कोरोना संक्रमित हुए करीब 90 फीसदी लोग ऊंची इमारतों में रहने वाले हैं। जबकि केवल 10 फीसदी झुग्गी-बस्ती एवं चाल में रहते हैं। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने यह जानकारी दी। हालांकि, बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि इस महीने परिस्थिति में थोड़ा बदलाव आया है और अब झुग्गी-बस्ती में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बीएमसी ने एक बयान में कहा कि इस साल के शुरुआती दो महीनों में संक्रमण के कुल  23,002 मामले सामने आए, जिनमें से 90 फीसदी संक्रमित लोग इमारतों के निवासी थे जबकि 10 फीसदी झुग्गी-बस्ती एवं चाल में रहने वाले लोग हैं। 

Created On :   13 March 2021 11:34 AM GMT

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