पोल खुलते ही गजनी बने व्यापारी, करोड़ों की एंट्री कर भूले कहा याद नहीं रकम कहां गई

Exposed : Trader become Ghajini, after entering crores, forgot where the money went
पोल खुलते ही गजनी बने व्यापारी, करोड़ों की एंट्री कर भूले कहा याद नहीं रकम कहां गई
Exposed पोल खुलते ही गजनी बने व्यापारी, करोड़ों की एंट्री कर भूले कहा याद नहीं रकम कहां गई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पंकज मेहाड़िया के संदिग्ध खातों की जांच, इनकमटैक्स, ईओडब्ल्यू और अब ईडी कर रही है। इसमें शेल कंपनियों, डमी एंट्री से लेकर काली कमाई को ठिकाने लगाने यानी मनी लॉन्ड्रिंग तक के कई एंगल पर जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। समाज में एक बड़ा वर्ग पर्दे की पीछे इन कंपनियों की आड में टैक्स चोरी सहित कई तरह के खेल खेल रहे थे। मेहाड़िया की बैलेंसशीट में दर्ज ऐसी ही एंट्रियों के संचालकों को खोजकर दैनिक भास्कर ने उनसे सीधे सवाल किए। अधिकांश संचालक या तो गोल-मोल जवाब देते नजर आए तो कुछ की सवाल सुनते ही याददाश्त चली गई। वे करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब ही भूल गए। 

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डी.ठक्कर ग्रुप: 12 करोड़ की एंट्री कर भूल गए कहा, कंपनी ही बंद हो गई, पैसे का क्या हुआ याद नहीं

डी.ठक्कर ग्रुप कई तरह के व्यापर से जुड़ा है। सूत्रों के अनुसार अपना व्यापार का ट्रर्नओवर बढ़ाने के लिए ठक्कर ग्रुप ने पंकज मेहाड़िया की सहायता ली थी। वर्तमान में कंपनी के डायरेक्टर का रियल स्टेट का प्रदेश में बड़ा करोबार है।  इसके चलते पंकज मेहाड़िया की कंपनियों में ठक्कर ग्रुप की 12 करोड़ 44 लाख 62 हजार 874 रुपए की एंट्री है। इसमें कुछ पैसा कैश भी लगाया गया था, जो पंकज ने भारी मुनाफा कमाकर देने का वादा किया था। हालांकि वादा तो पूरा नहीं हो पाया मगर ठक्कर ग्रुप की रकम और खाते जरूर उलझकर रह गए। इसमें भी टैक्स चोरी का मामला था। हालांकि जैसे ही मामला विवादित हुआ। ठक्कर ग्रुप ने उक्त रकम भूलना ही उचित समझी। 

मुझे याद नहीं 12 करोड़ वापस मिले की नहीं

विशाल ठक्कर, संचालक डी.ठक्कर ग्रुप के मुताबिक आप मेरी डी.ठक्कर  कंपनी की बात कर रहे हैं, वह अब बंद हो गई। इसका लेन-देन पंकज मेहाड़िया की कंपनियों से था। 12 करोड़ से अधिक की एंट्री किस बात की थी? पैसा लिया की नहीं अब यह याद नहीं है।
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खेतान स्टील: मुझे याद नहीं जीएसटी विभाग ने कितनी पेनाल्टी लगाई थी खातों में डमी एंट्री और ज्यादा मुनाफा कमाने के खेल कभी-कभी भारी पड़ जाता है। इस खेल को शहर के कई व्यापारी खेल रहे हैं। जो रायपुर से स्टील में बिना बिल का माल लेकर उसे नागपुर सहित महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में ठिकाने लगा देते हैं। खेतान स्टील के संचालक जगदीश खेतान का पंकज मेहाड़िया से ऐसी ही डमी एंट्रियों का खेल सालों से खेला जा रहा था। पंकज की बैलेंसशीट में करीब 5 करोड़ की एंट्री एक साल में उनके नाम दर्ज हैं। जो कंपनी और निजी नाम से हैं। खास बात यह है कि ऐसी डमी एंट्री की जानकारी जब जीएसटी विभाग को लगी तो उन्होंने इस खेल का पर्दाफाश कर दिया। करोड़ों की ऐसी ही एंट्री पकड़ी गई। जिसमें बिना जीएसटी चुकाए माल खरीदा जा रहा था। खेतान विभाग के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। शुरुआत में उन्होंने कई खातों में एंट्री घुमाने का प्रयास किया मगर तरकीब काम नहीं आई। इस पर विभाग ने करीब 5 करोड़ से अधिक की पेनाल्टी लगाई थी। ऐसी ही एंट्री पर जब हमने सवाल किए तो अचानक से वो ‘गजनी’ बन गए और सब कुछ भूल गए। वे बता नहीं पा रहे कि उनकी करोड़ों की एंट्री किस बात की है।

Created On :   5 Jun 2022 2:55 PM IST

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